Ethics Committee Report: महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोक सभा में पेश, हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच करने वाली एथिक्स कमेटी ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट लोक सभा में पेश कर दी है।

Ethics Committee Report: महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोक सभा में पेश, हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

Ethics Committee Report: शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र का 5 वां दिन है। सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे लगे कैश फॉर क्वेरी आरोप पर सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई और चार मिनट ही चली उसके बाद लोकसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन जब दोबारा शुरु हुई तो एथिक्स कमेटी (Ethics Committee Chairman) के चेयरमैन और भाजपा सांसद विजय सोनकर (BJP MP Vijay Sonkar) ने महुआ मोइत्रा पर लगे कैश फॉर क्वेरी आरोप पर रिपोर्ट पेश की। जिसके बाद सदन में हंगामा हुआ।

एथिक्स कमेटी की जांच रिपोर्ट लोक सभा में पेश

कैश फॉर क्वेरी मामले (cash for query case) में महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच करने वाली एथिक्स कमेटी ((Ethics Committee Report)) ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट लोक सभा में पेश कर दी है। एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने शुक्रवार को जैसे ही कमेटी की जांच रिपोर्ट को सदन में पेश किया, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया। नारेबाजी करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद वेल में आ गए।

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एथिक्स कमेटी की का विरोध में हुई नारेबाजी

कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, सपा और बसपा सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सांसद तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress MP) का साथ देते हुए अपनी-अपनी सीट पर खड़े हो गए। पीठासीन सभापति (presiding chairman) राजेन्द्र अग्रवाल हंगामा कर रहे सांसदों को यह कहते हुए समझाने की कोशिश करते नजर आए कि अभी तो सिर्फ रिपोर्ट पेश हुई है, अभी इस पर चर्चा होनी है। लेकिन हंगामा और नारेबाजी जारी रहने पर अग्रवाल ने लोक सभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

आज इंसाफ का मजाक उड़ाया गया

वहीं सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे इंसाफ का मजाक उड़ाना बताया। थरूर ने कहा कि, "ये रिपोर्ट आधी-अधूरी है। ऐसा लगता है ढाई मिनट में किसी ने तैयार कर दी हो। आरोप लगाने वालों से जिरह करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। सीधे संसद सदस्य के सस्पेंशन पर पहुंचना वास्तव में अपमानजनक है।"