Ankit Saxena murder case: दिल्ली की अदालत ने अंकित सक्सेना हत्याकांड में दोषियों की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को अंकित सक्सेना की हत्या में शामिल तीन दोषियों की सजा पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसकी 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में सरेआम हत्या कर दी गई थी। 

Ankit Saxena murder case: दिल्ली की अदालत ने अंकित सक्सेना हत्याकांड में दोषियों की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा

Ankit Saxena murder case: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को अंकित सक्सेना की हत्या में शामिल तीन दोषियों की सजा पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसकी 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में सरेआम हत्या कर दी गई थी। तीस हजारी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) सुनील कुमार शर्मा ने पिछले साल 23 दिसंबर को दोषी ठहराए गए अकबर अली, शाहनाज बेगम और मोहम्मद सलीम की सजा पर फैसला 7 मार्च तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

डीएलएसए ने प्रस्तुत की थी रिपोर्ट

दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण ने पहले सक्सेना के संबंध में पीड़ित प्रभाव आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमेें पता चला कि उनके पिता के निधन के बाद परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य उसकी मां हैं। मुआवजे के आकलन के लिए रिपोर्ट महत्वपूर्ण थी और न्यायाधीश ने इसे रिकॉर्ड पर लिया। शनिवार को दिल्ली पुलिस ने इस अपराध के लिए दोषियों को अधिकतम सजा देने की दलील दी। वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से दोषियों की सजा पर नरम रुख अपनाने का आग्रह किया।

 दोषियों के खिलाफ दर्ज हुई आईपीसी की धारा 302 और 34

मामले की जांच के दौरान पता चला कि सक्सेना एक अलग धर्म की लड़की के साथ रिश्ते में था और अपराध को अंजाम देने वाले लड़की के माता-पिता और मामा थे, जो उनके अंतरधार्मिक रिश्ते का विरोध करते थे। बाद में उन्हें दोषी ठहराया गया। दोषियों के खिलाफ आरोपों में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) शामिल हैं। इसके अलावा, शाहनाज बेगम को चोट पहुंचाने का भी दोषी ठहराया गया है।