Death of Indian Student: अमेरिका के ओहियो राज्य में हुई गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की मौत
अमेरिकी राज्य ओहियो में गोलीबारी की एक घटना के बाद सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में 26 वर्षीय भारतीय डॉक्टरेट छात्र अपनी कार के अंदर घायल अवस्था में पाया गया, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई।
Death of Indian Student: अमेरिका के में एक भारतीय छात्र की मौत की खबर सामने आई है। अमेरिकी राज्य ओहियो में गोलीबारी की एक घटना के बाद सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में 26 वर्षीय भारतीय डॉक्टरेट छात्र अपनी कार के अंदर घायल अवस्था में पाया गया, जिसकी अस्पताल में मौत हो गई।
गोलीबारी के बाद दीवार से टकराई कार
रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में आदित्य अदलखा सिनसिनाटी के वेस्टर्न हिल्स वायाडक्ट पर गाड़ी चला रहे थे। इस दौरान उनके वाहन पर गोलीबारी की गई। हमले में उनके गोली लग गई और उनकी कार एक दीवार से टकरा गई। पुलिस को भारतीय छात्र घायल अवस्था में कार के अंदर मिला। छानबीन के दौरान पुलिस को कार की खिड़की में कम से कम तीन गोलियों के छेद मिले है।
अभी तक नहीं हुई कोई गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि उन्हें अदलखा उस वाहन के अंदर मिला, जो एक दीवार से टकरा गया था और चालक की तरफ की खिड़की में कम से कम तीन गोलियों के छेद दिखाई दे रहे थे। हैमिल्टन काउंटी कोरोनर कार्यालय ने कहा कि गोलीबारी के बाद यूसी मेडिकल सेंटर ले जाने के दो दिन बाद 11 नवंबर को अदलखा की मृत्यु हो गई। जानकारी के मुताबिक, मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस गोलीबारी की घटना की जांच कर रही है।
2025 में डॉक्टरेट पूरी करने की थी योजना
बता दें कि कॉलेज ऑफ मेडिसिन के आणविक और विकासात्मक जीवविज्ञान स्नातक कार्यक्रम में नामांकित अदलखा 2025 में अपनी डॉक्टरेट पूरी करने की योजना बना रहे थे। उन्होंने नई दिल्ली के रामजस कॉलेज से प्राणीशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से 2020 में फिजियोलॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त की। वहीं सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के मेडिसिन कॉलेज के डीन एंड्रयू फिलक ने अदलखा को ‘अत्यधिक दयालु और विनोदी, बुद्धिमान और तेज’ बताते हुए कहा कि उनका शोध ‘उपन्यास और परिवर्तनकारी’ था।
फिलक ने आगे कहा कि, ‘दुख की कोई समय-सीमा नहीं होती। हमें अपना और एक-दूसरे का ख्याल रखने की जरूरत है, क्योंकि हमें आदित्य के निधन पर दुख है और उसे एक दोस्त, छात्र और सहकर्मी के रूप में याद करते हैं।’ वहीं विश्वविद्यालय के एक बयान के अनुसार, अदलखा को पिछले साल अल्सरेटिव कोलाइटिस पर एक शोध परियोजना का समर्थन करने के लिए वजीफा और पुरस्कार मिला था।