Car buying tips: कार खरीदने की है चाहत, तो जान लें ये नियम
हर आदमी के कई सपने होते है लेकिन सबसे बड़ा सपना जो होता है वो है घर और कार। आमतौर पर घर तो हमारे पेरेंटस हमे देते ही है लेकिन कार खरीदना ज्यादातर लोगों का सपना होता है। लेकिन कार खरीदने से पहले दो नियमों 20/10/04 और 50/20/04 पर एक बार विचार जरूर कर लेना चाहिए।
Car buying tips: हर आदमी के कई सपने होते है लेकिन सबसे बड़ा सपना जो होता है वो है घर और कार। आमतौर पर घर तो हमारे पेरेंटस हमे देते ही है लेकिन कार खरीदना ज्यादातर लोगों का सपना होता है। चाहे वो छोटी सी फैमिली कार हो या स्पोर्ट्स कार, प्लान करके गाड़ी न खरीदी जाए तो कार खरीदना आपके लिए महंगा साबित हो सकता है।वैसे तो कार कभी भी खरीद सकते हैं, मगर होली के आसपास आपको हो सकता है कि कुछ बेहतरीन ऑफर्स मिल जाएं। ऐसे में होली तक इंतजार कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको कार खरीदने से पहले दो नियमों 20/10/04 और 50/20/04 पर एक बार विचार जरूर कर लेना चाहिए। तो आज हम आपको बतायेंगे कि कार खरीदने और कार लोन लेने के लिए आप क्या कर सकते है।
कार खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
कार खरीदते समय 20/10/04 का नियम जरूर ध्यान रखना चाहिए। जब भी आप कार को लोन पर ले रहे हों तो यह नियम अपनाएं। इसके अनुसार, जब भी आप कार की बुकिंग कराने जाएं तो कोशिश करें कि कार की ऑन रोड कीमत का 20% डाउन पेमेंट तुरंत कर दें। आपके कार की EMI आपकी मंथली इनकम की 10% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यानी अगर आपकी मंथली कमाई 2 लाख रुपए है, तब आपकी कार की EMI तकरीबन 20 हजार रुपए होनी चाहिए। कार का लोन भी कोशिश करें कि 4 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
दूसरे फॉर्मूला भी है आसान
वहीं अगर दूसरे फॉर्मूले की बात करें तो ये फॉर्मूला है 50/20/04 का। इस फार्मूले में 50 का मतलब आपकी सालाना इनकम के 50% से है। इस नियम के अनुसार, जो कार आप खरीद रहे हैं, उसकी कीमत आपकी सालाना इनकम की आधी होनी चाहिए। जैसे-आपका सालाना पैकेज 20 लाख रुपए है, तो आपको 10 लाख तक की कार ही खरीदनी चाहिए।वहीं, 20 का मतलब 20% डाउन पेमेंट से है। यानी आप अगर 10 लाख की कार खरीद रहे हैं तो 10 लाख का 20% यानी कम से कम 2 लाख रुपए डाउन पेमेंट करनी होगी। जबकि 4 का मतलब लोन की अवधि से है यानी कार लोन की अवधि 4 साल से ज्याकदा नहीं होनी चाहिए।
एक और बात जिसका आपको विशेष ध्यान रखना है। कार खरीदने के लिए सबसे पहले उसका बजट बनाना चाहिए। आपको ये देखना चाहिए कि कौन सी कार आपके लिए ठीक रहेगी।एक ही कंपनी के अलग-अलग वैरिएंट में फीचर्स अलग-अलग होते हैं। ऐसे में वैरिएंट्स के हिसाब से कार की कीमत बढ़ती जाती है। ऐसे में अपने बजट और जरूरत के हिसाब से कार का सही मॉडल चुनें।साथ ही किसी भी कार काे खरीदते वक्त उसमें सेफ्टी फीचर्स जरूर चेक करें। मसलन ,कार में एयरबैग्स, रियर पार्किंग सिस्टम, हिल स्टार्ट असिस्ट, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, क्रूज कंट्रोल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन जैसे फीचर्स तो होने ही चाहिए।नई कारों में कई बार डीलर उसके भी पैसे जोड़ लेते हैं। इसलिए एक्सेसरीज लगवाते समय उनकी कीमतों का भी ध्यान रखें।