Vijayalakshmi joins Congress: बीआरएस को लगा बड़ा झटका, हैदराबाद की मेयर विजयलक्ष्मी हुई कांग्रेस में शामिल

देश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल होने का सिलसिला जारी है। हैदराबाद की मेयर गडवाल विजयलक्ष्मी शनिवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गईं।

Vijayalakshmi joins Congress: बीआरएस को लगा बड़ा झटका, हैदराबाद की मेयर विजयलक्ष्मी हुई कांग्रेस में शामिल

Vijayalakshmi joins Congress: देश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों के नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल होने का सिलसिला जारी है। हैदराबाद की मेयर गडवाल विजयलक्ष्मी शनिवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गईं। 

बीआरएस महासचिव केशव राव की बेटी हैं विजयलक्ष्मी

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और तेलंगाना की एआईसीसी प्रभारी दीपा दासमुंशी ने पार्टी में उनका स्वागत किया। विजयलक्ष्मी बीआरएस महासचिव और राज्यसभा सदस्य के केशव राव की बेटी हैं, जिन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है। केशव राव ने शुक्रवार को रेवंत रेड्डी, दासमुंशी और अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के लिए 2020 में हुए पिछले चुनाव में बीआरएस 150 में से 55 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा 48 सीटों के साथ मुख्य विपक्ष के रूप में उभरी थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी ने 44 वार्ड जीते थे। वहीं कांग्रेस पार्टी केवल दो वार्ड ही जीत सकी थी।

बीआरएस को लगा बड़ा झटका

बंजारा हिल्स वार्ड से पार्षद चुनी गईं विजयलक्ष्मी तेलंगाना राज्य के गठन के बाद पहली महिला मेयर चुनी गईं थीं। कांग्रेस में शामिल होने के अपने फैसले पर उन्होंने कहा कि अगर मेयर सत्तारूढ़ दल के साथ है तो विकास कार्य सुचारू तरीके से किए जा सकते हैं। 55 सालों तक कांग्रेस के साथ रहने वाले केशव राव साल 2013 में बीआरएस में शामिल हो गए थे और दो बार राज्यसभा के लिए नामांकित हुए। उन्होंने बीआरएस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को कांग्रेस में लौटने के अपने फैसले से अवगत करा दिया है।

केशव राव और उनकी बेटी का यह कदम बीआरएस के लिए बड़ा झटका है। बीआरएस 30 नवंबर 2023 के चुनावों में कांग्रेस के हाथों सत्ता हार गई थी। बीआरएस ने पांच मौजूदा सांसदों और एक विधायक सहित कई नेताओं को कांग्रेस या भाजपा के हाथों खो दिया है। बीआरएस के कई अन्य नेताओं के भी पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।