Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री ने सिख कट्टरपंथी संगठन की 'धमकी' को महत्व नहीं दिया
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को एक खालिस्तानी समर्थक नेता द्वारा दी गई कथित धमकी को खारिज कर दिया, जिसमें कट्टरपंथी समूह 'वारिस पंजाब डे' (डब्ल्यूपीडी) के नेता अमृतपाल सिंह और अन्य सदस्यों को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से से अमृतसर स्थानांतरित करने की माँग की गई थी।
Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को एक खालिस्तानी समर्थक नेता द्वारा दी गई कथित धमकी को खारिज कर दिया, जिसमें कट्टरपंथी समूह 'वारिस पंजाब डे' (डब्ल्यूपीडी) के नेता अमृतपाल सिंह और अन्य सदस्यों को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से से अमृतसर स्थानांतरित करने की माँग की गई थी।
सीएम सरमा ने संवाददाताओं से की बीतचीत
सीएम सरमा ने संवाददाताओं से कहा, "आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि खालिस्तानी इतना बड़ा खतरा हैं? खतरा मेरे लिए था, फिर भी ऐसा लग रहा था कि आप ज्यादा डरे हुए थे।"कथित धमकी पत्रकारों के सेल फोन पर किसी व्यक्ति द्वारा रिकॉर्ड किए गए संदेशों के माध्यम से दी गई थी, जो प्रतिबंधित संगठन "सिख फॉर जस्टिस" का नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून होने का दावा कर रहा था। संदेश में सरमा को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों को डिब्रूगढ़ से अमृतसर जेल में स्थानांतरित करने का आदेश नहीं दिया तो उन्हें "परिणाम" भुगतने होंगे।
असम के मुख्यमंत्री को पिछले साल अप्रैल में मिली थी धमकी
इसमें आगे कहा गया कि "सिख फॉर जस्टिस" संयुक्त राष्ट्र के समक्ष भारत के खिलाफ मामला ला रहा है। अमृतपाल और उसके एक चाचा सहित खालिस्तान समर्थक समूह के 10 सदस्यों को समूह पर कार्रवाई के तहत पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से पकड़ा गया था। उन्हें पिछले साल मार्च से डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल रखा गया है। असम के मुख्यमंत्री को पिछले साल अप्रैल में इसी प्रतिबंधित संगठन से इसी तरह की धमकियां मिली थीं और राज्य पुलिस ने मामले में जांच शुरू की थी।