Bappi Lehri Death Anniversery: सुरों के सरताज बप्पी लहरी के पुण्यतिथि पर जानियें उनकी जिंदगी के अनसुने किस्सें
गले में सोने की ढेर सारी चेन पहने बप्पी दा की शख्सियत के लोग आज भी मुरीद है। म्यूजिक इंडस्ट्री में बप्पी लहरी को ‘डिस्को किंग’ के नाम से जाना जाता है। बॉलीवुड के लेजेंड्री सिंगर ने 80-90 के दशक में एक दो नहीं बल्कि कई सुपरहिट गाने फिल्म इंडस्ट्री को दिए, वो बप्पी ही थे जिन्होंने बॉलीवुड को डिस्को म्यूजिक से रुबरू करवाया।
Bappi Lehri Death Anniversery: अपने गानों पर लोगों को झूमने पर मजबूर करने वाले बॉलीवुड के पहले रॉकस्टार बप्पी लहरी की आज पुण्यतिथि (Rockstar Bappi Lahiri's death anniversary today) हैं। 16 फरवरी 2022 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।आज भले ही बप्पी दा हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके गाए और कंपोज किये कई यादगार गीतों के बिना फिल्म संगीत का इतिहास अधूरा रहेगा। गले में सोने की ढेर सारी चेन पहने बप्पी दा की शख्सियत के लोग आज भी मुरीद है। म्यूजिक इंडस्ट्री में बप्पी लहरी को ‘डिस्को किंग’ (‘Disco King’) के नाम से जाना जाता है। बॉलीवुड के लेजेंड्री सिंगर ने 80-90 के दशक में एक दो नहीं बल्कि कई सुपरहिट गाने फिल्म इंडस्ट्री को दिए, वो बप्पी ही थे जिन्होंने बॉलीवुड को डिस्को म्यूजिक से रुबरू करवाया।
सोने के शौकीन थे बप्पी
बप्पी लहरी का जन्म 27 नवंबर 1952 में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था। उनका असली नाम अलोकेश अपरेश लहिरी था। बप्पी दा ने ही बॉलीवुड को डिस्को और रॉक म्युजिक के इंट्रोडूयस कराया। सिंगर के साथ साथ वो एक ऐसे कंपोजर थे। जिनकी धुनों ने 89-90 के दशक में धमाल मचा दिया था। यूथ से लेकर हर एज ग्रुप के लोगों को बप्पी लहरी के गाने पसंद आते थे और वो इनपर थिरकने के लिए मजबूर हो जाते थे। जितने मशहूर बप्पी लहरी अपने गानों के लिए थे उतने ही फेमस वो अपने गोल्ड प्रेम के लिए भी थे। जब भी वो लोगों को नजर आते थे तो सोने से लदे हुए ही होते थे। चेन, अंगुठी से लेकर घड़ी भी बप्पी दा की सोने की ही होती थी। दसअसल उन्हें ज्यादा गहने बनने की प्रेरणा अमेरिकन रॉकस्टार एल्विस प्रेस्ली से मिली थी।
सोने को मानते थे लकी
एक इंटरव्यू में उन्होंने ये बताया था कि उनकी मां ने उन्हें एक सोने की चेन पहनाई थी जिसके तुरंत बाद उन्हें ‘जख्मी’ फिल्म का ऑफर मिला। इसके बाद उन्हें लगने लगा कि गोल्ड उनके लिए बहुत लकी है। सोने से लदे बप्पी दा की छवि सबके मन में छपी हुई है। हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने अपना यह लुक ट्रेडमार्क करवाया था। उनका कहना था कि जो सोना जूलरी के रूप में वो पहनते हैं, वो उनकी मेहनत का नतीजा है। वो गोल्ड को खुद के लिए लकी मानते थे। उन्हों गोल्ड इतना पसंद था कि उनकी वाइफ ने उन्हें धनतेरस पर एक सोने का चाय का कप गिफ्ट किया था।
फेमस गाने को 45 भाषाओं में किया गया था डब
80 के दशक में जब बप्पी लहरी ने आई एम ए डिस्को डांसर गाया। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को म्यूजिक का एक नया फ्लेवर मिल गया। उनका गाना 'जिमी जिमी आजा आजा' पर आज भी लोग थिरकने पर मजबूर हो जाते हैं। ये गाना इतना पसंद किया गया कि इसे 45 विदेशी भाषाओं में डब किया गया था, यही नहीं साल 1986 में उन्होंने 33 फिल्मों में 180 गानें गाए। उनका ये रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।
राजनीति में भी आजमाया था हाथ
इसके अलावा उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। उन्हें बीजेपी के टिकट पर साल 2014 के आम चुनाव में पश्चिम बंगाल की श्रेरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया था। हालांकि वो चुनाव जीत नहीं पाए थे।
कई अवॉर्डस से किये गये सम्मानित
साल 2018 में बप्पी लहरी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था। वहीं 2012 में उनके गाये गाने ‘उ लाला उ लाला’ को बेस्ट आइटम सॉन्ग ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया था...सोने के शौकीन सिंगर की सोने की बीमारी ने ही जान ले ली । सुनने में कुछ अटपटा लग रहा होगा ना। दरअसल ये तो सभी जानते हैं कि उन्हें सोने यानी गोल्ड से बहुत प्रेम था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी मौत का कारण भी सोने यानी नींद की एक प्रकार की बीमारी ही बनी। जी हां, बप्पी दा को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया नाम की बीमारी थी जो उनकी मौत का कारण बनी। इस बीमारी में मरीज को सोते समय सांस लेने में समस्या होती है। और इसी बीमारी ने बप्पी दा की भी जान ले ली। बप्पी दा जैसे शख्सियत की उपलब्धिमयों को यूं एक वीडियो में समेट पाना मुश्कि्ल है, बप्पी लहरी के गाने आने वाली न जाने कितनी पीढ़ियां गुनगुनाएंगी।