Motivational News: केरल में बिना हाथों के जन्मीं 32 साल की महिला को सीएम के हाथों मिला ड्राइविंग लाइसेंस
जिलुमोल एम.थॉमस एक 32 साल की महिला हैं जो बिना हाथों के पैदा हुई थीं। जी हां जन्म से ही उनके दोनों हाथ नहीं थे। लेकिन बावजूद इसके उन्हें सीएम पिनाराई विजयन ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस के दस्तावेज सौंपे।
Motivational News: इंसान अगर किसी चीज को पाने का दृढ़ संकल्प कर लें तो उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होता। और इस बात को सच साबित किया है केरल की रहने वाली जिलुमोल एम. थॉमस ने। जिलुमोल एम.थॉमस (Jilumole M.Thomas) एक 32 साल की महिला हैं जो बिना हाथों के पैदा हुई थीं। जी हां जन्म से ही उनके दोनों हाथ नहीं थे। लेकिन बावजूद इसके उन्हें सीएम पिनाराई विजयन ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस के दस्तावेज सौंपे।
ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) के लिए जिलुमोल ने 6 सालों तक लगातार प्रयास किया और आखिरकार उनकी ये कोशिश रंग लायी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने खुद 32 साल की विकलांग जिलुमोल एम. थॉमस को दस्तावेज सौंपा।
जिलुमोल, जो बिना हाथों के पैदा हुई थी, उन्होंने हमेशा अपने पैरों का उपयोग करके कार चलाने का सपना देखा था लेकिन उसके अनुरोध को तकनीकी आधार पर चुनौती दी गई थी। फ्रीलांस डिजाइनर थॉमस ने कहा, "आवाजाही मेरी सबसे बड़ी बाधा थी और अब मैं उत्साहित हूं क्योंकि मुझे लाइसेंस मिल गया है। इस तरह मैंने अपनी सबसे बड़ी बाधा पार कर ली है।"
पहली बाधा तब दूर हुई थी जब एर्नाकुलम जिले के वदुथला में एक ड्राइविंग स्कूल उसे एक छात्र के रूप में पंजीकृत करने के लिए सहमत हो गया। ड्राइविंग स्कूल के मालिक जोपान ने कहा, "हम बहुत आश्वस्त नहीं थे, लेकिन उसने अपने धैर्य, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता से हमारी धारणाओं को गलत साबित कर दिया। बहुत जल्द हमें एहसास हुआ कि वह ऐसा कर सकती है।"
कोच्चि में वीआई इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, जिसने सहायक तकनीक का उपयोग करके उनकी 2018 मारुति सेलेरियो में वांछित इलेक्ट्रॉनिक संशोधन किया, ने भी उनकी उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसे राज्य दिव्यांग आयोग से भी बहुत बड़ा समर्थन मिला, जिससे लाइसेंस के लिए मंजूरी देने के लिए मोटर वाहन विभाग को निर्देश दिया।