2024 Lok Sabha Chunav : मुजफ्फरनगर पहुंचे चंद्रशेखर आजाद ने साधा बीजेपी पर निशाना
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के गांव भोकरहेड़ी पहुंचे जहां उन्होंने बीजेपी पर जम कर निशाना साधा। एक जनसभा को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने जहां दलित समुदाय से एकजुट होने की अपील की, वहीं भाजपा सरकार की विफलताओं को गिनाया।
2024 Lok Sabha Chunav : भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के गांव भोकरहेड़ी पहुंचे जहां उन्होंने बीजेपी पर जम कर निशाना साधा। एक जनसभा को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने जहां दलित समुदाय से एकजुट होने की अपील की, वहीं भाजपा सरकार की विफलताओं को गिनाया।
मेरे साथ हुआ है धोखा
चंद्रशेखर ने कहा, “दलित समाज का विकास मंदिर में माथा टेकने से नहीं होगा। आप मुझे बताइए कि आज तक किसी का मंदिर में माथा टेकने से विकास हुआ है? जवाब बिल्कुल स्पष्ट है, नहीं हुआ है, तो अब कैसे होगा? आप विकास पर ध्यान दीजिए, क्योंकि इसी से हम सभी लोगों का भला होगा।“ उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “मेरे साथ धोखा हुआ है। मुझे कहा गया था कि सभी लोग मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे और उन्हें सत्ता से बेदखल करेंगे, लेकिन अब यही लोग पाला बदलते हुए नजर आ रहे हैं।“
दलित समाज का विकास मंदिर में माथा टेकने से नहीं होगा- चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया, लेकिन सियासी गलियारों में अब इस बात की चर्चा है कि आखिर वो किन लोगों की ओर इशारा कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, “कुछ लोग उन्हें हराने की कोशिश में जुटे हुए हैं, इसलिए उन्होंने ऐसे लोगों को माकूल जवाब देने के लिए नगीना से चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब आगामी दिनों में हम फैसला करेंगे कि किस सीट पर किस प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारना है। फिलहाल, हमें पूरा विश्वास है कि हम नगीना से जीत का परचम लहराने जा रहे हैं।“
हमारी पार्टी का काम सिर्फ चुनाव लड़ना नहीं
चंद्रशेखर ने कहा, “हमारी पार्टी अपना काम कर रही है। किसी भी पार्टी का काम महज चुनाव लड़ना नहीं होता, बल्कि जनता के हितों पर अपना ध्यान केंद्रित करना भी होता है, हम वही कर रहे हैं, मगर कुछ लोगों ने हमें अपने पथ से भ्रमित करने की कोशिश की है। लेकिन उनकी कोशिश कभी-भी सफल नहीं होने वाली।“उन्होंने आगे कहा, “अगर आज कांशीराम प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान होते तो आज के हालात और दलित समाज की स्थिति कुछ और ही होती। इसके अलावा, अगर बहन मायावती भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होती, तो स्थिति कुछ और ही होती।“