Women's Reservation Bill: कांग्रेस ने फिर उठाई महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग
Women's Reservation Bill: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार 17 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है। उन्होंने लिखा कि, ‘कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।
Women's Reservation Bill: 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र (special session of parliament) से पहले कांग्रेस (Congress) ने एक बार फिर केंद्र सरकार (Central government) से महिलाओं के लिए अधिक आरक्षण की मांग की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress General Secretary Jairam Ramesh) ने रविवार 17 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि, ‘कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress General Secretary Jairam Ramesh) ने आगे लिखा, राजीव गांधी ने पहली बार 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। यह विधेयक लोकसभा में पारित भी हो गया था, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पास नहीं हो सका था।
कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए। ये इस मुद्दे से संबंधित कुछ तथ्य हैं:
1. सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन… — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 17, 2023
जयराम रमेश ने आगे यह भी कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव (Prime Minister P.V. Narasimha Rao) ने अप्रैल 1993 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक फिर से पेश किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। उन्होंने कहा कि, अब पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। यह लगभग 40 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Dr. Manmohan Singh) संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाए। विधेयक 9 मार्च, 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था। लेकिन इसे लोकसभा में पेश नहीं किया गया। बता दें कि विधेयक राज्य सभा में पारित हो चुका है, ये समाप्त नहीं होगा। महिला आरक्षण विधेयक अभी भी सक्रिय है।
राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Rajya Sabha MP Jairam Ramesh) ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी नौ साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है और अब लोकसभा में भी पारित हो जाना चाहिए। वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने संवाददाताओं से कहा कि, कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने का आग्रह किया।
बता दें कि कांग्रेस कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक हैदराबाद में हो रही है। आज बैठक का दूसरा दिन है। बैठक के दौरान सीडब्ल्यूसी (CWC) ने अपने प्रस्ताव में 18 से 22 सितंबर तक होने वाले विशेष सत्र में विधेयक को पारित कराने पर चर्चा की।