Uttarakhand News : उत्तराखंड में सूख रहे प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की तैयारी तेज
उत्तराखंड में लगातार सूख रहे प्राकृतिक जल स्रोतों, नदियों और सरोवरों पर राज्य सरकार गंभीर है। जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए देहरादून सचिवालय में एक अहम बैठक हुई।
Uttarakhand News : उत्तराखंड में लगातार सूख रहे प्राकृतिक जल स्रोतों, नदियों और सरोवरों पर राज्य सरकार गंभीर है। जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए देहरादून सचिवालय (Uttarakhand Secretariat) में एक अहम बैठक हुई। बैठक में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शिरकत की। इस दौरान अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार समेत कई अधिकारी भी मौजूद रहे।
जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे
बैठक में मुख्य सचिव (Chief Secretary of Uttarakhand) राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य स्तरीय स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (Spring and River Rejuvenation Authority) के माध्यम से जल संरक्षण एवं जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। जल संरक्षण अभियान के तहत कैच द रेन, जल संरक्षण अभियान, अमृत सरोवर, हरेला कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण एवं संवर्द्धन कार्य किए जा रहे हैं।
जल संरक्षण अभियान के तहत जल स्रोतों का संरक्षण किया जाएगा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूख रहे जल स्रोतों, सहायक नदियों और धाराओं का चिन्हीकरण किया गया है। इनके संग्रहण क्षेत्रों की पहचान की गई है। ग्राम स्तर पर जल स्रोतों को चिन्हित कर उनके उपचार क्षेत्र में जल संरक्षण गतिविधियों के निर्देश दिए गए हैं। विकास खंड स्तर पर न्यूनतम 10 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोतों तथा जनपद स्तर पर न्यूनतम 20 सहायक नदियों और धाराओं के उपचार को जल संरक्षण अभियान-2024 (Water Conservation Campaign-2024) के तहत प्रस्तावित करने के निर्देश दिए गए हैं।
कुल 250 सहायक नदियां और धारोओं का संरक्षण किया जाएगा
उन्होंने बताया कि पेयजल निगम ने 78 और जल संस्थान ने 415 क्रिटिकल जल स्रोत चिन्हित किए हैं। विभिन्न जनपदों में कुल 250 सहायक नदियां, धाराएं उपचार के लिए चिन्हित की गई। जल संरक्षण अभियान के तहत ग्राम स्तर पर 4,658 जल स्रोतों के उपचार क्षेत्र में जल संभरण गतिविधियों, विकास खंड स्तर पर 770 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोतों के उपचार गतिविधियों तथा जनपद स्तर पर 228 सहायक नदियों, धाराओं में उपचार गतिविधियों के संचालन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए कुल 5,428 जल स्रोतों की संख्या को चिन्हित किया गया है। जल संरक्षण अभियान की गतिविधियों के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण हेतु जल संरक्षण ऐप एवं डैशबोर्ड भी बनाया गया है। जिससे समस्त चिन्हित जल स्रोतों एवं उपचार गतिविधियों को जियो टैग किया जा रहा है।