US Presidential Election: ट्रंप राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार
अमेरिका के कोलोराडो प्रांत के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को देश के शीर्ष पद के प्राथमिक चरण में भाग लेने से रोक दिया। ट्रम्प अभियान ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा।
US Presidential Election: अमेरिका के कोलोराडो प्रांत के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Former President Donald Trump) को देश के शीर्ष पद के प्राथमिक चरण में भाग लेने से रोक दिया। ट्रम्प अभियान ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा।
अदालत ने पाया कि वह 6 जनवरी 2021 को देशद्रोह में शामिल थे, जब उनके आग्रह और निर्देश पर उनके समर्थकों की भीड़ ने अमेरिकी कांग्रेस पर हमला किया था ताकि सांसदों को जो बाइडेन को अगले राष्ट्रपति के रूप में प्रमाणित करने से रोका जा सके जो राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) प्रक्रिया की एक प्रक्रियात्मक औपचारिकता है।
अदलात ने ट्रंप को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया
ट्रंप विद्रोह के कारण दोबारा चुनाव लड़ने से अदालत द्वारा रोके जाने वाले पहले पूर्व या निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं। वह दो बार महाभियोग का सामना करने वाले़ (एक बार पद पर रहते हुए और फिर पद छोड़ने के बाद), वर्गीकृत कागजात का गलत इस्तेमाल करने और चुनावी परिणाम को पलटने की कोशिश करने के आपराधिक आरोप लगाये जाने वाले भी पहले पूर्व या निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति हैं।
14वें संशोधन की धारा तीन के तहत राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य
संघीय और प्रांतीय अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ लाए गए मामलों में वह 90 से अधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। अदालत के फैसले में कहा गया, "अदालत के बहुमत का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रम्प अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन की धारा तीन के तहत राष्ट्रपति पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। चूंकि वह अयोग्य है, इसलिए कोलोराडो राज्य सचिव के लिए उन्हें राष्ट्रपति के प्राथमिक मतपत्र पर उम्मीदवार के रूप में सूचीबद्ध करना चुनाव संहिता के तहत एक गलत कार्य होगा।"
यह फैसला अमेरिकी संविधान के संशोधन 14 के तहत आया है जो विद्रोह में शामिल लोगों को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने से रोकता है। पीठ के सात सदस्यों में से तीन ने असहमति जताई और इसी आधार पर ट्रम्प को अयोग्य ठहराने के मामले को दो प्रांतों ने खारिज कर दिया है।