UPTBCCON: प्रयागराज में आज से दो दिवसीय नेशनल टीबी कॉन्फ्रेंस का आगाज
शनिवार 4 नवंबर से संगम नगरी प्रयागराज में 17वीं यूपी टीबी एंड चेस्ट कॉन्फ्रेंस का हुआ है आगाज
UPTBCCON: आज शनिवार, 4 नवंबर से संगम नगरी प्रयागराज में 17वीं यूपी टीबी एंड चेस्ट कॉन्फ्रेंस का आगाज हुआ है। इस कॉन्फ्रेंस में प्रयागराज के अलावा अलग-अलग राज्यों के कई टीबी और चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर हिस्सा ले रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस का फोकस टीबी और उससे जुड़ी अन्य बीमारियों के बारे में जानकारी और इलाज देने पर होगा।
देशभर के 300 टीबी स्पेशलिस्ट ले रहे हिस्सा
इस कॅान्फ्रेंस में करीब 300 एक्सपर्टस देश भर से प्रयागराज पहुंचे हैं। बता दें कि यह कॅान्फ्रेंस यूपी स्टेट टीबी असोसिएशन और मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही है। यह कॉन्फ्रेंस मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम और एएमए कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई है। जिसमें 100 से अधिक चिकित्सक अपना शोध पत्र भी पेश करेंगे। कॅान्फ्रेंस में विशेषज्ञ अपनी जानकारी और अनुभव दोनों साझा करेंगे।
क्या है थीम
मोतीलाल नेहरु मेडिकल कॅालेज के डॅाक्टर अमिताभ दास शुक्ल ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस की थीम अपडेट इस स्ट्रेंथ रखी गयी है। डॅाक्टर अमिताभ ने आगे बताया कि टीबी के साथ अस्थमा और फेफड़ो का कैंसर भी एक आम बात है। ज्यादातर लोग जानकारी की कमी या बीमारी को छिपाने की मंशा से चिकित्सक के पास पहुंचने में देर कर देते हैं। जिससे बीमारी बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में मरीज की जान बचाना एक अहम चुनौती रहती है।
क्या है टीबी
टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करने वाला एक संक्रामक रोग है। यह फेफडों में होने वाला रोग होता जिससे श्वसन प्रक्रिया प्रभावित होती है। हालांकि, यह फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी और गले आदि में भी हो सकता है। फेफड़ों में होने वाला टीबी सबसे आम प्रकार का होता है। टीबी, खांसी और छींक के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। ट्यूबरकुलोसिस या टीबी का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक होता है जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, जैसे एड्स या डायबिटीज आदि। साथ ही, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है उन्हें भी इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
वन वर्ल्ड टीबी समिट
इसी साल 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वन वर्ल्ड टीबी समिट-2023 का उद्घाटन किया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने ‘वार्षिक भारत टीबी रिपोर्ट 2023’ का विमोचन किया, जो 2025 तक भारत को टीबी मुत्त बनाने की दिशा में देश के प्रयासों का संकलन है। प्रधानमंत्री ने टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, बीमारी से जुड़े कलंक को खत्म करने के लिए टीबी-मुत्त पंचायत पहल की भी शुरुआत की। इसमें टीबी के संक्रमण को रोकने के लिये एक नए उपचार के तौर पर प्रीवेंटिव थेरेपी भी शुरू की गई है जिससे रोग के प्रसार को रोका जा सके।
2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य
एएमए के सचिव डॅाक्टर आशुतोष गुप्ता ने बताया कि सरकार ने जो 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है उसी के चलते यह कॅान्फ्रेंस महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि मार्च 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई थी। जबकि पूरे विश्व में 2030 तक टीबी से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।