Sri lanka elections: श्रीलंका में संसदीय चुनाव के लिए हो रहा मतदान, दो दिन में आ सकता है रिजल्ट
श्रीलंका में गुरुवार (14 नवंबर) को संसदीय चुनाव के वोटिंग की जा रही है। संसद की 225 सीटों के लिए देश के 1 करोड़ 70 लाख लोग मतदान कर रहे हैं। गुरुवार सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू हुई है जो कि शाम 4 बजे तक होगी। श्रीलंका की संसद में जीत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को 113 सीटों की आवश्यक है।
Sri lanka elections: श्रीलंका में गुरुवार (14 नवंबर) को संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। संसद की 225 सीटों के लिए देश के 1 करोड़ 70 लाख लोग मतदान कर रहे हैं। गुरुवार सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू हुई, जो कि शाम 4 बजे तक होगी। श्रीलंका की संसद में जीत हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को 113 सीटों की आवश्यकता होती है। वहीं चुनाव खत्म होने के 1 या 2 दिन बाद रिजल्ट का ऐलान किया जा सकता है। 2020 में मतदान के दो दिन के अंदर ही परिणाम घोषित कर दिए गए थे।
आर्थिक सुधार के वादों को पूरा करने के लिहाज से ये चुनाव अहम
श्रीलंका में 21 सितंबर 2024 को राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) हुए थे। इस चुनाव में अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) ने जीत हासिल की थी लेकिन, वह 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने में विफल रहे थे। इसके बाद राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही दिसानायके ने संसद भंग कर दी थी और नवंबर में मध्यावधि चुनाव के आदेश दिए थे। ये चुनाव अगले साल होने थे लेकिन राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद लगभग एक साल पहले ही अनुरा कुमारा दिसानायके ने संसद को भंग कर दिया था। श्रीलंका में हो रहे संसदीय चुनाव देश के नए राष्ट्रपति के लिए आर्थिक सुधार के वादों को पूरा करने के लिहाज से अहम है।
दिसानायके अपने भ्रष्टाचार विरोधी जवाबदेही सुधारवादी कार्यक्रम को लागू करने के लिए मजबूत संसद की वकालत कर रहे हैं। यदि, उनकी पार्टी ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) को 225 सदस्यीय संसद पर नियंत्रण पाना है तो उन्हें चुनाव में कम से कम 113 सीट पर जीत हासिल करनी होगी। इस चुनाव में 690 राजनीतिक पार्टियों और स्वतंत्र प्रत्याशी श्रीलंका के 22 चुनावी जिलों में सीटों के लिए आमने सामने हैं।
बहुमत हासिल करने की कोशिश में दिसानायके
राष्ट्रपति दिसानायके (President Dissanayake) इस चुनाव में बहुमत हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनकी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) पार्टी की अधिकतर नीतियों को संसद में मंजूरी मिल सके। JVP नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन संसद में इस पार्टी के केवल 3 सांसद हैं। मौजूदा समय में एनपीपी गठबंधन (npp alliance) के पास 225 संसदीय सीटों में से केवल तीन सांसद हैं।
8,821 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं
श्रीलंकाई चुनाव आयोग (Sri Lankan Election Commission) के मुताबिक, 8,821 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। मतदाता आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत 22 निर्वाचन क्षेत्रों से संसद के लिए 196 सदस्यों का सीधे चुनाव करते हैं। बाकी 29 सीटें आनुपातिक वोट के अनुसार बांटी जाती हैं। चुनाव में जिस पार्टी को जितने वोट मिलेंगे, उसके मुताबिक ही उसे 29 सीटों में हिस्सा मिलता है। एक वोटर प्राथमिकता के आधार पर 3 प्रत्याशियों को वोट दे सकते हैं।
दिसानायके ने जनता से की इतनी सीटें जिताने की अपील
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति दिसानायके (President Dissanayake) का मानना है कि देश की शक्ति काफी हद तक ‘कार्यकारी राष्ट्रपति’ के अधीन है। वे इस पावर को कम करने का वादा लेकर चुनाव में उतरे हैं, लेकिन उन्हें संविधान में बदलाव की आवश्यकता होगी। उन्हें इसके लिए दो-तिहाई सीटें चाहिए। दिसानायके जनता से इतनी सीटें जिताने की अपील कर रहे हैं।
मैंने देश को दिवालिया होने के बाद उबारा है- विक्रमसिंघे
इस चुनाव में दिसानायके की NPP का मुकाबला पूर्व PM साजिथा प्रेमदासा (Former PM Sajitha Premadasa) की पार्टी (SJB), पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP), न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF) और राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) से हो रहा है। विक्रमसिंघे का कहना है कि उन्होंने देश को दिवालिया होने के बाद उबारा है।
श्रीलंका 2022 में दिवालिया हो गया था
साल 2022 में समय पर कर्ज न चुका पाने की वजह से श्रीलंका दिवालिया हो गया था। इसके बाद देश विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री गोटाबाया राजपक्षे (The then Prime Minister Gotabaya Rajapaksa) को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इसके बाद रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramasinghe) ने देश की कमान संभाली थी। वहीं श्रीलंका के आर्थिक संकट में फंसने के बाद यह पहला संसदीय चुनाव (Ranil Wickramasinghe) हो रहा है। आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर 22 जिलों से 196 सदस्यों का चुनाव किया जाना है।