Shravasti News : एसपी श्रावस्ती ने डीपफेक सूचनाओं से सतर्क रहने के लिए कार्यशाला का किया आयोजन
लोकसभा चुनाव की तारीखों को ऐलान हो चुका है, 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होनी है, ऐसे में पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन की ओर से लोकसभा चुनाव में जालसाजी और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकरने के लिए तमाम तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में श्रावस्ती पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में वर्कशॉप का आयोजन किया गया ।
Shravasti News : लोकसभा चुनाव की तारीखों को ऐलान हो चुका है, 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होनी है, ऐसे में पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन की ओर से लोकसभा चुनाव में जालसाजी और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकरने के लिए तमाम तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में श्रावस्ती पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में वर्कशॉप का आयोजन किया गया । जिसमें डीपफेक की पहचान करने और उससे बचने के उपाय बताए गए।
श्रावस्ती पुलिस अधीक्षक ने वर्कशॉप का किया आयोजन
सामान्य चुनाव 2024 में जालसाजी और गलत सूचनाओं के प्रसार के खिलाफ ये पहल श्रावस्ती पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया की तरफ से की गई। दो दिवसीय वर्कशॉप का शुभारम्भ जिला न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह ने किया। कार्यशाला में डीपफेक सूचनाओं को पहचानने और उस पर अंकुश लगाने का तरीका बताया गया। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने तैयार की। कार्यशाला का संचालन अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव ने किया। कार्यशाला के दूसरे दिन जिलाधिकारी कृतिका शर्मा और पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने द्वीप प्रज्जलित करते हुए कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने दी डीपफेक पहचानने की जानकारी
जिला न्यायाधीश ने वर्कशॉप का बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्कशॉप का आयोजन प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था को सक्रिय करने के लिए किया जा रहा है, जो चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं। वहीं देवेन्द्र सिंह ने ये भी कहा कि डीपफेक डिटेक्शन कार्यशाला से तकनीकी, कानून से सम्बन्धित काफी जानकारी साझा हुई, जिससे जिला प्रशासन, न्याय विभाग और पुलिस विभाग का ज्ञानवर्धन हुआ है।
AI चुनावी प्रक्रिया में अपराध रोकने में सहायक
इस कार्यशाला के बारे में पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने बताया कि डिजिटल मीडिया और तेजी से बढ़ते तकनीकी युग में, गलत सूचनाओं का खतरा और AI अपराध चुनावी प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करता है। ऐसे में वर्कशॉप जैसी पहल के जरिए ज्ञान-साझा करके जनमानस को जागरूक किया जा सकता है। ए0आई0-डीपफेक मामलों का अध्ययन करने, झूठ की पहचान करने और उसके प्रभाव सामने आने के लिए प्रैक्टिकल रणनीतियों और उपकरणों के साथ सशक्त किया जा रहा है।
डीप फेक डिटेक्शन के बारे में जागरूक किया गया
आपको बता दें भारत सरकार के स्टार्टअप विभाग से मान्यता प्राप्त स्टार्टप नेतृत्वशाला तथा एआई के नीति, नियमन एवं प्रचार पर काम करने वाली संस्था “INCLUSIVE AI” द्वारा, श्रावस्ती पुलिस के निर्देश पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ भी जुड़े। इस कार्यशाला में डीप फेक डिटेक्शन के बारे में प्रयोगात्मक रूप से बताया गया। साथ ही एआई के हानिकारक प्रभावों से बचने के तरीके, किसी प्रकार के फोटो,वीडियों,लिंक का फैक्ट चेक करने के लिए सर्च इंजन गूगल पर मौजूद फ्री टूल्स के बारे में भी जानकारी साझा की गई।