SIMI: सरकार ने SIMI को 'गैरकानूनी संगठन' बता 5 साल के लिए लगाया प्रतिबंध
मंत्रालय ने कहा कि सिमी पर प्रतिबंध राजपत्र अधिसूचना संख्या एस.ओ. 564(ई), दिनांक 31 जनवरी, 2019 के माध्यम से लगाया गया है। इसी के साथ मंत्रालय ने कहा कि, "सिमी आतंकवाद को बढ़ावा देने, के साथ शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में लगा हुआ है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।
SIMI: केंद्र सरकार ने सोमवार, 30 जनवरी को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी (SIMI) को 'गैरकानूनी संगठन' घोषित कर दिया। इसी के साथ सिमी पर 5 साल के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। गृह मंत्रालय ने, "सिमी पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) 1967 की धारा 3(1) के तहत पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगाया है।"
UAPA के तहत मामला दर्ज
मंत्रालय ने कहा कि सिमी पर प्रतिबंध राजपत्र अधिसूचना संख्या एस.ओ. 564(ई), दिनांक 31 जनवरी, 2019 के माध्यम से लगाया गया है। इसी के साथ मंत्रालय ने कहा कि, "सिमी आतंकवाद को बढ़ावा देने, के साथ शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में लगा हुआ है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।" मंत्रालय ने कहा कि सिमी और उसके सदस्यों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 सहित कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
SIMI ने खटखटाया SC का दरवाजा
बता दें कि पिछले साल भी सिमी पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया था जिसके खिलाफ स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि तब सिमी पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं पर कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अभी संविधान पीठ में अनुच्छेद 370 पर सुनवाई शुरू हो रही है, जब इस पर सुनवाई खत्म हो जाए तो इन सब पर विचार किया जाएगा।
इस्लाम का प्रचार-प्रसार है उद्देश्य
पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा था कि भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के सिमी के मकसद को पूरा नहीं होने दिया जा सकता। सरकार ने कहा था कि प्रतिबंधित संगठन के सदस्य अब भी विघटनकारी गतिविधियों में शामिल हैं, जो देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डाल सकती हैं। सर्वोच्च न्यायालय में दायर जवाबी हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि सिमी के सदस्य अन्य देशों में मौजूद अपने सहयोगियों और आकाओं के ‘लगातार संपर्क’ में हैं और उनकी गतिविधियां भारत में शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द में खलल डाल सकती हैं। सरकार ने यह भी कहा था कि सिमी का उद्देश्य भारत में इस्लाम के प्रचार-प्रसार और ‘जिहाद’ के लिए छात्रों एवं युवाओं का समर्थन हासिल करना है।