One nation one election update: एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर कमेटी की पहली बैठक आज, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

One nation one election update: एक राष्ट्र, एक चुनाव की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी की पहली बैठक शनिवार को होने जा रही है।

One nation one election update: एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर कमेटी की पहली बैठक आज, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

One nation one election update: एक राष्ट्र, एक चुनाव की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) की अध्यक्षता में कमेटी की पहली बैठक शनिवार को होने जा रही है। कमेटी की बैठक में लोकसभा,राज्यों की विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं पर चर्चा होगी।

(One nation, one election) सिमति की बैठक में आज चुनाव से जुड़े सभी पक्षों पर चर्चा की जाएगी, साथ उस पर सब की राय जानी जाएगी और राज्यों में चुनाव को लेकर चुनौतियों पर बात की जाएगी। बैठक में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लागू करने करने के तरीकों पर भी चर्चा होगी। साथ ही इसको लागू करने में आने वाली दिक्कतों और इसके कानूनी पहलुओं पर बात की जाएगी।

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2 सितंबर को एक राष्ट्र, एक चुनाव पर केंद्र सरकार ने 8 समिति का गठन किया था। समिति में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अध्यक्ष, (Home Minister Amit Shah) गृह मंत्रि अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, हरीश साल्वे एनके सिंह, सुभाष कश्यप, गुलाब नबी आजाद और संजय कोठारी सदस्य नामित किए गए। 1990 में विधि आयोग (law commission) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में एक राष्ट्र, एक चुनाव का समर्थन किया था। विधि आयोग ने दलीय सुधारों की बात कही थी। साथ ही आयोग ने नोटा का विकल्प देने को कहा था। जिसके बाद ;चुनाव आयोग (election Commission) ने 2013 विधानसभा चुनावों में पहली बार नोटा का विकल्प उपलब्ध कराया गया था।

इससे होने वाले फायदे

इससे सबसे बड़ा फायदा चुनावों मे होने वाले खर्चे पर पड़ेगा लोकसभा (Lok Sabha) और विधानसभा (assembly)के चुनावों को एक साथ कराने से हरी झंडी मिलने पर कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों (assembly elections) के साथ ही लोकसभा चुनाव कराए जा सकेंगे। चुनाव में होने वाला खर्च में कमी आएगी। एक  रिपोर्टों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनावों (2019 Lok Sabha elections) में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस राशि में चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों (Political parties) द्वारा खर्च की गई राशि और चुनाव आयोग ऑफ इंडिया (Election Commission of India) द्वारा चुनाव कराने में खर्च की गई राशि शामिल है।