RSS Chief Mohan Bhagwat: चट्टान की तरह मजबूत है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचार धारा- मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत उत्तर प्रदेश के वाराणसी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार सुबह (1 जुलाई) आरआरएस कार्यालय सिगरा में शाखा लगाई। आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत ने सिगरा कार्यालय के मैदान में संघ के ध्वज को प्रणाम कर शाखा की शुरुआत की।
RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार सुबह (1 जुलाई) आरआरएस कार्यालय सिगरा (RRS Office Sigra) में शाखा लगाई। आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने सिगरा कार्यालय के मैदान में संघ के ध्वज को प्रणाम कर शाखा की शुरुआत की। जिला कार्यवाह ने सबसे पहले संघ का गीत प्रस्तुत किया फिर स्वयंसेवकों ने व्यायाम शुरू किया।
सिगरा में आयोजित शाखा में बौद्धिक सत्र आयोजित
सिगरा कार्यालय में आयोजित शाखा में व्यायाम के बाद बौद्धिक सत्र आयोजित हुआ। इस मौके पर शहर के प्रमुख स्वयंसेवक समेत प्रांतीय पदाधिकारी शामिल हुए। जानकारी के मुताबिक, शाखा के दौरान राजनीतिक लोगों को संघ प्रमुख से मिलने नहीं दिया गया।
संघ की विचार धारा चट्टान की तरह मजबूत- मोहन भागवत
सोमवार सुबह सिगरा कार्यालय में आयोजित बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ की विचार धारा चट्टान की तरह मजबूत है और हमारा जीवन समाज के लिए है। हिंदू समाज की प्रगति और उन्नति तभी होगी जब हम धर्म, कर्म और समाज पथ पर चलेंगे। क्योंकि व्यक्ति से परिवार और परिवार से समाज बनता है।
हिंदू राष्ट्र की उन्नति के लिए स्वयंसेवकों का किया आह्वान
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि हम छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप के राष्ट्र पथ की राह का अनुकरण करेंगे तभी हिंदू समाज की सर्वांगीण उन्नति होगी। उन्होंने आगे कहा कि भेदभाव-छूआछूत, ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा और अपना-पराया के भेदभाव को दूर करेंगे तभी अपना राष्ट्र-समाज सशक्त रूप में खड़ा होगा। उन्होंने शाखा में शामिल लोगों से हिंदू राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति के लिए कार्य करने के लिए स्वयंसेवकों का आह्वान किया।
शताब्दी वर्ष के उद्देश्यों पर किया मंथन
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने काशी के सिगरा स्थित संघ कार्यालय में पदाधिकारियों से मुलाकात की और संगठन के शताब्दी वर्ष के उद्देश्यों को पूरा करने पर मंथन किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने काशी क्षेत्र के स्वयंसेवकों में से कुछ कार्यकर्ताओं को शताब्दी विस्तारक के लिए आगे आने की बात कही। इन सभी कार्यकर्ताओं को अगले वर्ग के बाद विस्तारण और संगठन के काम में लाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, संघ पदाधिकारी की माने तो शताब्दी वर्ष तक संघ के व्यापक विस्तार के लक्ष्य को पूरा करने के साथ स्वयंसेवक संघ एक वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक बनाकर प्रदेश के 80 जिलों के क्षेत्र में भेजेगा और गांव-गांव में संघ की उपस्थिति सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित करेगा।
‘मेरे पापा परमवीर’ पुस्तक का किया विमोचन
स्वयंसेवकों से संवाद करने के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गाजीपुर पहुंचे। गाजीपुर के धामुपुर गांव में उन्होंने "मेरे पापा परमवीर" पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद पर आधारित है। अब्दुल हमीद के बड़े पुत्र जैनुल हसन से बातचीत के आधार पर डॉ रामचंद्रन श्रीनिवासन ने यह किताब लिखी है। जैनुल के मुताबिक, पिछले साल हथियाराम मठ (Bhasharam Math) में संघ प्रमुख से मुलाकात हुई थी। तब उनसे पुस्तक के विमोचन का आग्रह किया था।
मोहन भागवत ने जानवर और इंसान में फर्क पर की बात
पुस्तक का विमोचन करने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जानवर और इंसान में फर्क पर बात करते हुए कहा कि जानवर अपने लिए जीता है, लेकिन इंसान दूसरे के लिए जीता है। इसी तरह अब्दुल हमीद देश के लिए जिये और देश के लिए रण में शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि हाथी अगर साइकिल चलाने लगे तो वह विकास नहीं है। लेकिन, हां अगर हाथी सूंड से अपने बच्चे की रक्षा करता है तो ये विकास है। बलिदान की भावना ही मनुष्य को अमर शहीद बनाती है।
1965 में भारत-पाक युद्ध में शहीद हो गए थे अब्दुल हमीद
बता दें कि परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद भारतीय सेना में तैनात थे। 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान 10 सितंबर को वह खेमकरन सेक्टर के अग्रिम मोर्चे पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान आरसी गन से पाकिस्तानी सेना के कई पैटर्न टैंकों को ध्वस्त कर शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए वो शहीद हो गए। शहादत के बाद मरणोपरांत उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया था।
मीरजापुर के देवरहा हंस बाबा में रात्रि विश्राम करेंगे संघ प्रमुख
वहीं, मोहन भागवत धामूपुर में जैनुल हसन की पुस्तक का विमोचन करने के बाद मोहन भागवत हथियाराम मठ जाएंगे और संत भवानी नंदन यति महाराज से आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद वे मीरजापुर के देवरहा हंस बाबा जाएंगे। यहां वे रात्रि विश्राम करेंगे और मंगलवार को सीधे बाबतपुर एयरपोर्ट से वापस लौट जाएंगे।
वाराणसी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं मोहन भागवत
बता दें कि मोहन भागवत यूपी के वाराणसी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर काशी क्षेत्र में संघ की शाखाओं के विस्तार, विस्तारक, नई कार्यनीति और आगामी रणनीति तय की। तीन दिनों तक अलग-अलग कई आयोजनों के जरिए संघ प्रमुख कई विषयों पर प्रबुद्धजन से मंथन कर रहे हैं।