Jharkhand elections: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू, अर्जुन मुंडा सहित बड़े आदिवासी नेताओं को प्रत्याशी बना सकती है बीजेपी

झारखंड में इस साल तीन से चार महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है। बीजेपी ने राज्य में अभी से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में खबर आ रही है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्व केंद्रीय मंत्रियों सहित राज्य में बड़े कद वाले आदिवासी नेताओं को मैदान में उतार सकती है।

Jharkhand elections: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू, अर्जुन मुंडा सहित बड़े आदिवासी नेताओं को प्रत्याशी बना सकती है बीजेपी

Jharkhand assembly elections: झारखंड (Jharkhand) में इस साल तीन से चार महीने बाद विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने वाले है। बीजेपी (BJP) ने राज्य में अभी से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में खबर आ रही है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्व केंद्रीय मंत्रियों सहित राज्य में बड़े कद वाले आदिवासी नेताओं (tribal leaders) को मैदान में उतार सकती है। मोदी 2.0 सरकार में जनजातीय मामलों और कृषि विभाग के मंत्री रहे अर्जुन मुंडा, मोदी 1.0 सरकार में राज्य मंत्री रहे सुदर्शन भगत, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव, पूर्व आईपीएस डॉ. अरुण उरांव, पूर्व सांसद गीता कोड़ा एवं सुनील सोरेन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी जैसे नेताओं को उम्मीदवार बनाया जाना तय माना जा रहा है। इनके अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी खुद मैदान में होंगे। 

पिछले चुनावों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी बीजेपी

2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आदिवासी सीटों पर खास प्रदर्शन नहीं किया था। हाल के लोकसभा चुनाव में भी आदिवासियों के लिए आरक्षित सभी पांच सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही पार्टी आदिवासी मतदाताओं के बीच पैठ बढ़ाने की रणनीति पर लगातार काम कर रही है। 

विधानसभा चुनाव को गंभीरता से ले रही बीजेपी

पार्टी का मानना है कि बड़े कद वाले आदिवासी नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने से उनकी सीटों के साथ-साथ आसपास की सीटों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ये नेता किन सीटों से चुनाव लड़ेंगे, इसका फैसला इसी महीने होने की उम्मीद है। राज्य में इस बार चुनावी लड़ाई को भाजपा कितनी गंभीरता से ले रही है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि रणनीति की कमान राष्ट्रीय स्तर के दो दिग्गज नेताओं शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) और हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) को सौंपी गई है। 

शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा को मिली जिम्मेदारी

जानकारी के मुताबिक, संसद का सत्र समाप्त होने के बाद शिवराज सिंह चौहान यहां लंबे समय तक कैंप करेंगे। उनका राज्य के सभी प्रमंडलों में दौरा और कार्यकर्ता समागम का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। हिमंता बिस्वा सरमा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दायित्व मिलने के बाद दो बार झारखंड आ चुके हैं। उन्होंने राज्य के बड़े आदिवासी नेताओं से उनके आवास पर जाकर व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की है और उनके साथ विमर्श कर आदिवासियों से जुड़े उन मुद्दों को समझा है, जिनका चुनाव पर असर पड़ सकता है।