Pitru Paksha 2023: अब पितृ- पक्ष के समय ऑनलाइन करे पितरों का पिंडदान
Pitru Paksha 2023: अगर आपको पता चले कि घर बैठे भी "ई पिंडदान"(E-PIND DAAN) के जरिए पूर्वजों की अत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर सकते हैं।
Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष का समय पितरों को समर्पित किया जाता है, इसमें पूरे 16 दिनों तक पितरों के श्राद्ध कर्म होते हैं, पितृपक्ष में लोग अपने पूर्वजों के लिये सम्मान प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांती के लिए पिंडदान करते हैं। मान्यता है कि पितृपक्ष में पिंडदान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पितृदोष से मुक्ति भी मिलती जाती है। ऐसी मान्यता भी है कि, पितृपक्ष में तीन पीढ़ियों के पूर्वजों की आत्माएं पितृलोक यानी स्वर्गलोक और पृथ्वीलोक के बीच में निवास करती हैं और ये भी कहा जाता हैं कि इस समय अगर आप पितरों का श्राद्ध करें तो उन्हें मुक्ति मिलती हैं।
क्या है पिंडदान
पिंडदान किसी भी परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद किया जाने वाला एक पवित्र अनुष्ठान है। गरुड़ पुराण मे बताया गया हैं की स्वर्ग लोक में जाने वाली आत्मा की शांति के लिए यह अनुष्ठान जरुरी है। यह मृतकों के लिए राहत प्रदान करने के लिये और अंतिम मोक्ष के लिए किया जाता है।
पिंडदान मृत पूर्वजों के लिए एक प्रसाद स्वरूप है, जिसमे मुख्य रूप से पके हुए चावल को काले तिल को मिलाकर बनाया जाता है, इस मिश्रण के छोटे-छोटे पिंड या गोले बनाकर पूर्वजों के नाम से चढ़ाया जाता है ,जिससे पितरों को शांति और मोक्ष मिलती हैं।
तीन प्रकार से किया जाता हैं पिंडदान
1-पितृ दोष निवारण
ये पूजा उन लोगों के लिए होती हैं, जिनके घर में पितृ दोष होता है, इस पूजा में ब्राह्मणों को भोजन,तर्पण कर्म ,वस्त्र और पितृ आराधना बड़ी ही विधि विधान के साथ की जाती हैं।
2-काल सर्प योग पूजा
ये पिंडदान उन लोगों द्वारा किया जाता हैं ,जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है, जो आर्थिक नुकसान से पीड़ित होते हैं और अपने परिवार में सुख समृद्धि बनाए रखने में असफल होते हैं।
3-त्रिपिंडी श्राद्ध और पिंडदान
ये पूजा उन लोगों के लिये की जाती हैं, जिनकी अप्राकृतिक परिस्थितियों(UNNATURAL CIRCUMSTANCES)में मृत्यु हो गई हो और उनकी आत्मा किसी वजह से घर में अतृप्त(INSATIABLE)हो रही हो।
पिंडदान का महत्व
1.पिंडदान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
2.पिंडदान करके अपने पितरों की आत्मा को तृप्त कर सकते हैं।
3.पिंडदान करने से पितरों को सीधे स्वर्ग की प्राप्ती होती है।
4.पिंडदान से पितरों की आत्मा को कोई कष्ट नहीं होता हैं।
5.पितरों के आशीर्वाद से आप आपना वर्तमान और भविष्य दोनो को ही सुधार सकते है।
6.पिंडदान मे आपने पितरों को अन्न और जल देकर उनकी आत्मा को तृप्त कर उन्हें मजबूती प्रदान करते हैं।
अब ऑनलाइन करे सकते पिंडदान
बिहार के गया में अपने पूर्वजों की आत्मा के शांति के लिए पिंडदान करना चाह रहे हैं और गया नहीं जा पा रहे हैं तो कोइ दिक्कत की बात नही हैं, अब घर बैठे भी "ई पिंडदान"(E-PIND DAAN) के जरिए पूर्वजों की अत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर सकते हैं। सरकार ने ऐसे लोगों जो पटना, पुनपुन, और गया जैसे जगह पर नही जा पा रहे हैं, उनके लिये सरकार ने ये सुविधा प्रारंभ की हैं।
सरकार ने "ई पिंडदान"(E-PINDDAAN)के लिये बहुत सारे अलग अलग पैकेज तैयार किया हैं।
- इस पैकेज को कई श्रेणियों(CATAGORIES)में बांटा गया है, पैकेज में पटना, पुनपुन, और गया जैसे शहर शमिल हैं। पैकेज मे पहले श्रेणी में प्रति व्यक्ति(PER PERSON) 16650 रुपये का पैकेज है, जबकि 4 लोगों के लिए 30650 रुपए खर्च करना पड़ेगा।
- दूसरी श्रेणी में चार लोगो के लिए 25250 रुपए देने होंगे,वही प्रति व्यक्ति 13450 रुपये देना होगा। इसके अलावा एक अन्य पैकेज हैं,जिसमे नालंदा,बोधगया, राजगीर एक रात दो दिन के लिए भी हैं । इसके लिए एकअलग रेट तय किया गया है।
अगर आप गया नही जा पा रहे हैं तो पूर्वजों की आत्मा के शांति के लिए पिंडदान करने के लिये "ई पिंडदान"(E-PINDDAAN)का इसतमल करें।
सरकार के "ई पिंडदान"(E-PINDDAAN)का इसतमल करने के लिए यहां क्लिक करें