Parliament Budget Session : संसद परिसर में इंडी गठबंधन का विरोध प्रदर्शन, बजट को बताया भेदभावपूर्ण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट मंगलवार को पेश किया। इस बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार को सौगात दी गई। विपक्ष ने लामबंद हो इसे पक्षपात पूर्ण रवैया करार दिया है।
राज्यों की अनदेखी करने का आरोप
इस प्रदर्शन में कांग्रेस की संसदीय दल (Congress Parliamentary Committee) प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष (Leader of Opposition in Lok Sabha) राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत विपक्षी दलों के कई नेता मौजूद रहे। इन्होंने हाथों में डिमांड करती तख्तियां पकड़ रखी थीं। जिसमें लिखा था कि एनडीए ने इंडिया को नजरअंदाज किया। भारतीय राज्यों को उनका हक दें।
ये सिर्फ सरकार बचाओ बजट है- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “इस बजट से कोई खुश नहीं है। ये सिर्फ सरकार बचाओ बजट है। यह बजट सिर्फ अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है।” केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश किया। वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के पीएम मोदी के लक्ष्य को सामने रखते हुए सीतारमण ने लोकसभा में 84 मिनट तक अपना बजट भाषण पढ़ा।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में नहीं शामिल होंगे
बजट पेश किए जाने के बाद ही कांग्रेस ने घोषणा की थी कि इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। उनको इसमें डीएमके का भी साथ मिला। तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने भी विरोध में साथ दिया। उन्होंने भी कहा कि तमिलनाडु की अनदेखी की गई है इसलिए वो बैठक का बहिष्कार करेंगे।
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