Mirzapur Season 3: मिर्जापुर सीजन 3 हुई स्ट्रीम, जानिए क्या कुछ बदला है इस बार के सीजन में?

इतना तो किसी ने कॉलेज की डिग्री का इंतजार नहीं किया होगा जितना बैसब्री से लोग मिर्जापुर के तीसरे सीजन का इंतजार कर रहे थे। साल 2020 से लेकर अबतक तो काफी समय भी बीत गया है। ये आपको इस वेब सीरीज़ में देखने को मिलने वाला है। अब सब कुछ तो बता नहीं सकते कुछ तो क्योरियोसिटी बनी रहनी चाहिए। इसलिए सीधे प्वाइंट पर आते हैं और थोड़ा जान लेते हैं सीरीज की कहानी में खास क्या है।

Mirzapur Season 3: मिर्जापुर सीजन 3 हुई स्ट्रीम, जानिए क्या कुछ बदला है इस बार के सीजन में?

Mirzapur Season 3: इतना तो किसी ने कॉलेज की डिग्री का इंतजार नहीं किया होगा जितना बैसब्री से लोग मिर्जापुर के तीसरे सीजन का इंतजार कर रहे थे। साल 2020 से लेकर अबतक तो काफी समय भी बीत गया है। ऐसे में सबसे जरूरी बात तो ये कि क्या ये इंतजार वर्थ इट था या पढ़ लिखकर कर IAS-YS ही बन जाना चाहिए था। बात को ज्यादा लंबा नहीं खीचेंगे सीधे मुद्दे पर आते हैं। लेकिन उससे पहले कुछ एक एडवायस ले ही लीजिए- सबसे पहली बात कांटेंट बोल्ड, अडल्ट और मैच्यूर है। इसके साथ ही वॉयलेंस का लेवल काफी हाई है । अगर इसे थियेटर में रिलीज होना होता तब तो अडल्ट सर्टिफिकेट से भी काम नहीं चलता। जिम में इस्तेमाल होने वाली चीजें हथियार के तौर पर कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं ये आपको इस वेब सीरीज़ में देखने को मिलने वाला है। अब सब कुछ तो बता नहीं सकते कुछ तो क्योरियोसिटी बनी रहनी चाहिए। इसलिए सीधे प्वाइंट पर आते हैं और थोड़ा जान लेते हैं सीरीज की कहानी में खास क्या है- 

क्या है इस बार खास? 

मिर्जापुर की कहानी पिछले सीजन के आखिर से ही शुरू होती है। जिसमें मुन्ना त्रिपाठी (Munna Tripathi) को टाटा-बायबाय बोलने के बाद और कालीन भैया (kaaleen bhaiya) को हटाकर गुड्डू पंडित (Guddu Pandit) ने खुद को मिर्जापुर का बाहुबली घोषित कर दिया है। अब वो पूर्वांचल की गद्दी पर विराजमान होना चाहता है, लेकिन उसके रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा जौनपुर का शरद शुक्ला बना हुआ है। जो अकेला नहीं है उसके साथ पश्चिम के कुछ बाहुबली भी हैं। इधर कालीन भैया कहां हैं,उनकी खोज-खबर किसी को भी नहीं है। 

वहीं लेडी डॉन गोलू (Lady Don Golu) अब पहले से ज्यादा उग्र हो चुकि हैं। तेवर उनके इतने तीखे देखने को मिल रहे हैं कि रोंगटे ही खड़े कर दें। वो गुड्डू पंडित की राइट हैंड बनकर उनका साथ देती है। उधर जौनपुर का बाहुबली शरद शुक्ला गुड्डू को हटाकर मिर्जापुर की भी गद्दी हथियाना चाहता है। इसके लिए वो प्रदेश की मुख्यमंत्री माधुरी यादव को अपना पार्टनर इन क्राइम बना लेता है। माधुरी का क्या है कि वो पूरे प्रदेश से बाहुबलियों का खात्मा करना चाहती हैं, इसके लिए वो बाहुबलियों को ही अपना हथियार बनाती है। सीजन के मिड में जेपी यादव की भी एंट्री होती है।

हालांकि इसी बीच आपके मन में ये बात फिर से आएगी जरूर, की  कालीन भैया कहां हैं। दरअसल कालीन भैया सीरीज के मिड में मौत के मुंह से बाहर निकलकर सामने आते हैं। क्योंकि भाई जान है तो जहान है। अब कालीन भैया की कहानी में क्या भूमिका होगी, इसके लिए आपको सीरीज़ ही देखनी पड़ेगी।

किसकी एक्टिंग है दमदार ?

वैसे तो इस बार के सीजन में ओवर ऑल सभी की एक्टिंग ठीक ही लगने वाली है। लेकिन हम सब के प्यारे गुड्डू भैया की एक्टिंग इस बार काफी दमदार है। एक अक्खड़ बाहुबली के किरदार में अली फजल पूर्वांचल के गैंगस्टर ही लग रहे हैं। उन्हें साथ मिला हुआ है पहले सीजन में भोली-भाली कॉलेज स्टूडेंट गोलू यानी श्वेता त्रिपाठी (Shweta Tripathi) का। जो अब तीसरे सीजन तक आते-आते लेडी डॉन बन चुकी हैं। उनका धाखड़ अंदाज़ इस बार देखने वाला है। हां ये जरूर है कि मुन्ना भैया के फैंस को उनकी कमी जरूर खलेगी, आखिर जलवा था उनका। 

इस सीजन में शरद शुक्ला का स्क्रीन टाइम पिछले बार के मुकाबले थोड़ा बढ़ा है। एक तरह से वो सेकेंड लीड रोल में हैं। उन्होंने काम भी काफी अच्छा किया है। पंकज त्रिपाठी, जो इस सीरीज के जान थे, उनका रोल काफी कम कर दिया है, साथ ही उन्हें काफी कमजोर भी दिखाया गया है। हालांकि उन्हें जितना भी स्पेस मिला है, उन्होंने इसे भुनाने की कोशिश की है। आखिर में ये बात तो क्लियर है कि आना वाला सीजन भी कालीन भैया के इर्द-गिर्द ही घूमेगा।

देखने लायक है या नहीं ?

ओवर ऑल देखा जाए तो मिर्जापुर का ये सीजन देखने लायक है या नहीं है। तो ये डिपेंड करने वाली बात है। अगर आपने मिर्जापुर के पिछले दोनों सीजन्स को एन्जॉय किया है, तो इसे भी आप जरूर पसंद करेंगे हैं। हालांकि ज्यादा उम्मीद न लगाएं पता नहीं क्या खराब लग जाए, फिर बाद में निराशा हो। इस बार गैंग वॉर का एक अलग लेवल देखने को मिला है, इसलिए कुछ सीन्स डिस्टर्बिंग भी हैं। सीरीज में पॉलिटिक्स, लस्ट और ह्यूमर सब कुछ देखने को मिलेगा। इसके अलावा सारे किरदारों में एक तीखा अक्खड़पन है जो ईस्ट यूपी की बोली ही है। तो कुल मिलाकर आप इतना समझिए कि मिर्जापुर का ये सीजन कुछ नया लेकर आया है। हम सब कुछ आपको बताकर सप्राइज़ को खत्म नहीं करेंगे। इसे आपको खुद देखकर तय करना होगा।