Manipur Violence: मणिपुर के जिरिबाम जिले में फिर भड़की हिंसा, उग्रवादियों ने गांव पर फेंके बम

मणिपुर में हिंसा का एक साल से ज्यादा हो गया है। इस बीच जिरिबाम जिले में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। उग्रवादियों ने शनिवार सुबह 5 बजे बोरोबेकरा इलाके के एक गांव में हमला कर दिया।

Manipur Violence: मणिपुर के जिरिबाम जिले में फिर भड़की हिंसा, उग्रवादियों ने गांव पर फेंके बम

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा का एक साल से ज्यादा हो गया है। इस बीच जिरिबाम जिले (Jiribam district) में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। उग्रवादियों ने शनिवार सुबह 5 बजे बोरोबेकरा इलाके (Borobekara area) के एक गांव में हमला कर दिया। बोरोबेकरा पुलिस (Borobekara Police) ने बताया कि उग्रवादियों ने आधुनिक हथियारों से सुबह करीब पांच बजे एक गांव को निशाना बनाया। उग्रवादियों ने जमकर बमबारी भी की। इस पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) और पुलिस कर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की और दोनों तरफ से भारी फायरिंग हुई। फिलहाल हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

बोरोबेकरा में पहले भी हो चुकी है गोलीबारी 

बता दें कि बोरोबेकरा (borobekara) जिरिबाम टाउन (Jiribam Town) से 30 किलोमीटर दूर है। इस इलाके में घने जंगल और पहाड़ हैं। इस इलाके में पहले भी गोलीबारी जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। इससे पहले 18 अक्टूबर को जिरीबाम (Jiribam) के ही कालीनगर हमार वेंग क्षेत्र में उग्रवादियों ने एक स्कूल को निशाना बनाया था। उग्रवादियों ने इस स्कूल में आग लगा दी थी।

बैठक के 4 दिन बाद ही जिरिबाम में हुई हिंसा

इससे पहले 15 अक्बूटर को केंद्रीय गृह मंत्रालय की निमंत्रण पर मैतेई, कुकी और नगा समुदायों के 20 विधायक राजधानी दिल्ली पहुंचे थे। यहां बैठक कर इन्हें मणिपुर में और हिंसा न होने का संकल्प दिलाया गया था। इस बैठक के 4 दिन बाद ही शनिवार को जिरिबाम में हिंसा हुई है।

मणिपुर में शांति के लिए दिल्ली में हुई थी बैठक 

15 अक्टूबर को हुई बैठक में सबसे पहले कुकी, फिर मैतेई और फिर इसके बाद में नगा नेताओं से बात की गई। सभी ने अपनी-अपनी मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखा। इसके बाद सभी को एक हॉल में इकट्ठा कर संकल्प दिलाया गया कि आज की बैठक के बाद मणिपुर में एक भी गोली नहीं चलेगी और ना ही किसी व्यक्ति की जान जाएगी। वहीं तीनों समुदायों के प्रतिनिधियों ने इस पर सहमति भी जताई। इसके बाद सभी प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाए। जानकारी के मुताबिक, करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह मौजूद नहीं थे, लेकिन शाह बैठक की मिनट-टु-मिनट मॉनिटरिंग कर रहे थे।