MP Election: मध्य प्रदेश में आदिवासियों के साथ पर बन सकती है सरकार

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान हो चुका है। और अब दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी संभावनाओं को लेकर समीक्षा कर रही है।

MP Election: मध्य प्रदेश में आदिवासियों के साथ पर बन सकती है सरकार

MP Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान हो चुका है। और अब दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी संभावनाओं को लेकर समीक्षा कर रही है। दोनों पार्टियों की नजर सबसे ज्यादा आदिवासी वोट बैंक पर है।  क्योंकि अब तक आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर जिस पार्टी ने भी जीत हासिल की है उसी के हाथ में मध्य प्रदेश की सत्ता आई है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों की यही कहानी है।  

हार-जीत की सियासत में आदिवासी वर्ग की बड़ी भूमिका  

मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से आदिवासी वर्ग के लिए 47 सीटें आरक्षित है और सियासी दलों की हर जीत में  इन सीटों की अहम भूमिका होती है। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित ये सीटें हार-जीत की हवा का रुख तक बदल देती हैं। इतिहास गवाह है कि जिस भी राजनीतिक दल को इन सीटों में से ज्यादा पर जीत हासिल हुई, सत्ता उसे ही नसीब हुई है, इतना ही नहीं लगभग हर चुनाव में यहां वोटरों का रूख भी बदलता नजर आता है।

2008 से 2018 हर बार मिली जीत

राज्य की इन 47 सीटों की समीक्षा की जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से 30 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा के हाथ में 31 सीटें आई थी। इतना ही नहीं वर्ष 2008 के चुनाव में भाजपा 29 सीटें हासिल करने में सफल रही थी।

दोनों ही पार्टियां इस सीट पर कर रही हैं जीत का दावा  
 
इस तरह राज्य की आदिवासी सीटें, जिस राजनीतिक दल के हिस्से में गई, उसके हाथ में सत्ता रही। यही कारण है कि दोनों राजनीतिक दल दावा कर रहे हैं कि आदिवासी सीटों पर उनके हिस्से में जीत आएगी। इसके पीछे उनके अपने तर्क भी हैं और वह इस वर्ग के कल्याण के लिए किए गए काम और उठाए गए कदमों का हवाला दे रहे हैं।