Loksabha election update 2023: किन्नरों के मिलेंगी BJP संघठन में जगह, हरी झंडी का इंतजार

बीजेपी ने पसमांदा मुसलमानों के विश्वास जीतने की मुहिम चला रखी है और अब उससे भी आगे बढ़कर एक नए वोटबैंक को जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के द्वारा उत्तर प्रदेश में थर्ड जेंडर यानि किन्नर को हर जिले में उपाध्यक्ष बनाने को लेकर मंथन चल रहा है।

Loksabha election update 2023: किन्नरों के मिलेंगी BJP संघठन में जगह, हरी झंडी का इंतजार

Loksabha election update 2023: आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश संगठन में नए एक्सपेरिमेंट पर काम तेज कर दिया है। पिछड़ों और दलितों के साथ ही बीजेपी अब पसमांदा मुसलमानों के विश्वास जीतने की मुहिम चला रखी है और अब उससे भी आगे बढ़कर एक नए वोटबैंक को जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के द्वारा उत्तर प्रदेश में थर्ड जेंडर यानि किन्नर को हर जिले में उपाध्यक्ष बनाने को लेकर मंथन चल रहा है। इसके अलावा संगठन के अलग-अलग पदों भी पर रखने का विचार है। अल्पसंख्यक मोर्चा ने इसकी रूपरेखा भी बना ली है। साथ ही संगठन मंत्री से हरी झंडी मिलते ही नियुक्ति की प्रकिया शुरू हो जाएगी।

किन्नरों के लिए शुरू की योजनाएं 

बीजेपी नेता कुंवर बासित चौधरी ने बताया कि बीजेपी सरकार हर तरह से किन्नरों को मुख्य धारा में जोड़ना चाहती है। वहीं इसके पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने पिछले कार्यकाल में किन्नर समाज की समस्याओं को देखते हुए राज्य में किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया था। इस बोर्ड के जरिए थर्ड जेंडर की समस्याओं के समाधान के साथ उनकी मांगों को भी पूरा करने के लिए बनाया गया है। इस बोर्ड के जरिये विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन तक पहुंचेगा। इस संगठन में यूपी के पांच लाख किन्नरों को जोड़ा गया है।

 हर जिले में होगी नियुक्ति

किन्ररों को राजनीतिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए बीजेपी के अल्पसंख्यक संगठन ने जिम्मा उठाया है। बता दें कि सूबे के हर जिले संगठन में उन्हें अलग-अलग पदों पर नियुक्त करके उन्हें सामाजिक और राजनीतिक सम्मान दिया जायेगा। नेता कुंवर बासित ने बताया कि वो सब पीएम मोदी के मूलमंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास को लेकर चल रहे हैं। किन्नर भी हमारे समाज का हिस्सा है और हमें उन्हें दरकिनार नही करना हैं। और अब किन्नरों को संगठन में रखने की योजना हमने बना ली है और प्रदेश संगठन मंत्री से हरी झंडी मिलते ही पार्टी नियुक्ति का काम शुरू कर देगी।

पहली विधायक किन्नर कौन थी 

भारत में किन्नरों को 1994 में मतदान का अधिकार मिला है। जिसके बाद 2000 में पहली किन्नर विधायक शबनम शर्मा उर्फ शबनम मौसी मध्य प्रदेश से चुनी गई।  2001 में यूपी के गोरखपुर नगर निगम की पहली किन्नर मेयर आशा देवी चुनी गई। उन्होंने 60 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। इसके बाद 2002 के यूपी विधानसभा चुनाव में अलग-अलग सीटों से 18 किन्नर किस्मत आजमाने उतरी थी। वहीं बात करे अगर उत्तर प्रदेश की राजधानी की तो लखनऊ में पायल किन्नर ने बीजेपी के नेता लालजी टंडन के खिलाफ लखनऊ पश्चिमी सीट के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। 2006 में मिर्जापुर की अहरौरा नगर पालिका से किन्नर रेखा चेयरमैन बनीं थी।