KT Rama Rao: पीएम मोदी के बयान पर केटीआर का पलटवार, कहा- 'भाजपा ने 2018 में भेजा था गठबंधन करने संदेश'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे को खारिज करते हुए कि भारत राष्‍ट्र समिति (बीआरएस) एनडीए में शामिल होना चाहता है, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव (केटीआर) ने दावा किया कि 2018 में भगवा पार्टी ने बीआरएस के साथ गठबंधन करने के लिए संदेश भेजा था।

KT Rama Rao: पीएम मोदी के बयान पर केटीआर का पलटवार, कहा- 'भाजपा ने 2018 में भेजा था गठबंधन करने संदेश'

KT Rama Rao: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के इस दावे को खारिज करते हुए कि भारत राष्‍ट्र समिति (बीआरएस) एनडीए (NDA) में शामिल होना चाहता है, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव (KT Rama Rao) ने दावा किया कि 2018 में भगवा पार्टी ने बीआरएस (BRS) के साथ गठबंधन करने के लिए संदेश भेजा था। बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को निज़ामाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया था कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (Chief Minister K.Chandrashekhar Rao) ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों के बाद उनसे मुलाकात की थी और भारत राष्ट्र समिति (BRS) को एनडीए में शामिल करने का अनुरोध किया था। 

रामा राव ने सोशल मीडिया एक्स पर दावा किया कि उल्‍टा भाजपा पांच साल पहले उनके साथ सहयोग करना चाहती थी। केटी. रामा राव ने एक पोस्‍ट में लिखा कि सबसे बड़ी झूठा पार्टी ने 2018 में अपने प्रदेश अध्यक्ष डॉ के. लक्ष्मण (Dr. K. Laxman) के माध्यम से बीआरएस के साथ गठबंधन के लिए संदेश भेजा था। क्या यह प्रस्ताव उनके दिल्ली के आकाओं की मंजूरी के बिना दिया जा सकता था?

बीआरएस नेता ने कहा कि पार्टी ने तत्‍काल प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। पोस्‍ट में लिखा है कि, अपनी पसंद के हिसाब से भूलने की बीमारी वाले राजनीतिक पर्यटक जो कहानियाँ गढ़ रहे हैं, उन्हें यह सरल सामान्य ज्ञान प्रश्न जानना चाहिए: बीआरएस को उस पार्टी के साथ गठबंधन क्यों करना चाहिए। जिसकी 105-विधानसभा क्षेत्रों में जमानत भी नहीं बची? बीआरएस को जीएचएमसी चुनावों में भाजपा के समर्थन की आवश्यकता क्यों है, जबकि हमारे पास अपने दम पर सरकार बनाने की ताकत है? हम योद्धा हैं, धोखेबाज़ नहीं।

केटीआर ने लक्ष्मण के बयान की अखबार की कतरनें भी पोस्ट कीं। तत्कालीन राज्य भाजपा अध्यक्ष ने पूर्व शर्त रखी थी कि बीआरएस को मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) से नाता तोड़ लेना चाहिए। केटीआर ने कहा कि कई अनुरोधों के बावजूद तेलंगाना के गठन के बाद से बीआरएस ने चुनावों के दौरान कभी किसी के साथ गठबंधन नहीं किया। उन्होंने लिखा, वास्तव में यह विपक्ष ही है जो दुर्जेय केसीआर गारू को हराने के लिए अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर एक साथ आया है।