Indian Coast Guard: भारतीय तटरक्षक बल ने बचायी 182 तीर्थयात्रियों की जान, गंगासागर से लौट रहे थे श्रद्धालु
कोलकाता में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि व्यावसायिकता, प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों के उपयोग के कारण त्वरित बचाव संभव हो सका।
Indian Coast Guard: पश्चिम बंगाल के गंगासागर (Gangasagar of West Bengal) से वापस आ रहे 182 से अधिक तीर्थयात्रियों की मंगलवार तड़के भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने जान बचाई। ये सभी तीर्थयात्री गंगा सागर मेले में हिस्सा लेने के बाद वापस लौट रहे थे, इस दौरान नामखाना काकद्वीप (Namkhana Kakdwip) के पास उनका नौका फंस गया था, उन्हें बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल ने एक त्वरित और सराहनीय बचाव अभियान (rescue operation) चलाया और सभी 182 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बचा लिया।
घने कोहरे के कारण फंसी नौका
यह घटना तब घटी, जब मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर पवित्र स्नान के बाद नौका उन्हें नामखाना ले जा रही थी, इस बीच घने कोहरे के कारण बेहद कम दृश्यता के कारण नौका फंस गई थी। जिसके बाद अलार्म बज उठा। तटरक्षक बल के जवान होवरक्राफ्ट (hovercraft) में सवार होकर घटनास्थल पर पहुंचे जो तीर्थयात्रा के दौरान सागर द्वीप के आसपास गश्त पर थे। तीर्थयात्रियों को घाट से निकालने के लिए जेमिनी नौकाओं को तैनात किया गया था। उनमें से कई को होवरक्राफ्ट पर ले जाया गया।
देश के अलग-अलग हिस्सों के थे तीर्थयात्री
कोलकाता में रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry in Kolkata) के प्रवक्ता ने कहा कि व्यावसायिकता, प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों के उपयोग के कारण त्वरित बचाव संभव हो सका। इस पूरे बचाव अभियान के दौरान विजिबिलिटी बेहद कम थी, फिर भी तटरक्षक बल ने यह सुनिश्चित किया कि सभी तीर्थयात्रियों को बचा लिया। नामखाना में उतारने से पहले उनकी देखभाल की गई। जानकारी के मुताबिक, बचाए गए तीर्थयात्री देश के अलग-अलग हिस्सों से थे।
मुरीगंगा में ज्वार पर निर्भर है पानी की गहराई
बता दें कि सागर द्वीप तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को नामखाना से मुरीगंगा नदी (Muriganga River) पार करनी पड़ती है। मुरीगंगा में पानी की गहराई ज्वार पर निर्भर करती है। निम्न ज्वार के दौरान कुछ हिस्सों में केवल टखने तक पानी होता है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि नौका का पायलट खराब विजिबिलिटी के कारण ऐसे ही एक हिस्से में घुस गया और फंस गया।