ISRO scientist: ISRO के लॉन्च में आवाज देने वाली साइंटिस्ट एन वलारमथी की हुई मौत, इसरो के मिशन के कांउटडाउन में अपनी आवाज देती थी वलारमथी।
ISRO scientist: चंद्रयान -3 की लॉनचिंग काउंटडाउन में अपनी आवाज देनी वाली इसरो साइंटिस्ट एन वलारमथी का निधन हो गया है। 50 वर्षीय वलारमथी की चेन्नई के अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत।
ISRO scientist: ISRO: चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग काउंटडाउन में अपनी आवाज देने वाली इसरो (भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान) की वैज्ञानिक एन. वलारमथी (N.Vlarmathi) का निधन हो गया है। वैज्ञानिक वलारमथी ISRO में रॉकेट काउंटडाउन लॉन्च (rocket countdown launch) के दौरान अपनी आवाज के लिए मशहूर थीं। वो इसरो के मिशन (isro mission) के कांउटडाउन में अपनी आवाज देती थी।, 50 वर्षीय वलारमथी की चेन्नई के अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है।
वैज्ञानिक एन. वलारमथी के निधन पर दुख जताते हुए इसरो के पूर्व निदेशक डॉ. पीवी वेंकटकृष्ण ने एक्स पर लिखा कि, ‘वलारमथी मैडम की आवाज श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उलटी गिनती के लिए अब नहीं होगी। चंद्रयान-3 उनकी अंतिम उलटी गिनती की घोषणा थी। अचानक हुए उनके निधन पर बहुत दुख महसूस हो रहा है, प्रणाम!. वहीं उनके निधन के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
The voice of Valarmathi Madam will not be there for the countdowns of future missions of ISRO from Sriharikotta. Chandrayan 3 was her final countdown announcement. An unexpected demise . Feel so sad.Pranams! pic.twitter.com/T9cMQkLU6J — Dr. P V Venkitakrishnan (@DrPVVenkitakri1) September 3, 2023
कौन थीं वैज्ञानिक एन. वलारमथी
एन. वलारमथी (N.Vlarmathi) तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वाली थीं। उनका जन्म 31 जुलाई, 1959 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई निर्मला गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल से की। जिसके बाद गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर से कॉलेज की पढ़ाई की। साल 1984 में उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को ज्वाइन किया। इसरो के कई अहम मिशनों में वैज्ञानिक एन. वलारमथी का अहम योगदान रहा है। उन्होंने स्वदेशी विकसित रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RIS) और IRST -1 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है। एन. वलारमथी 2015 में अब्दुल कलाम पुरस्कार पाने वाली पहली वैज्ञानिक बनीं। उनका आखिरी काउंटडाउन देश के महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के दौरान हुआ, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करके इतिहास रच दिया।