IAF Trishul Exercise: चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास शुरु हुआ वायु सेना का सबसे बड़ा युद्धाअभ्यास।
IAF Trishul Exercise: चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास भारतीय वायुसेना के विमानों ने गरजना शुरू कर दिया है। आपको बता दें भारतीय वायुसेना ने अपना सबसे बड़ा अभ्यास “त्रिशूल” शुरू कर दिया है। यह अभ्यास हिमाचल प्रदेश और पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में किया जा रहा है।
IAF Trishul Exercise: हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) और पंजाब (Punjab) के हिस्सों में वायुसेना (Airforce) ने अपना सबसे बड़ा युद्धाअभ्यास त्रिशुल(Trishul) शुरू कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के चंबा डिस्ट्रिक्ट में लोगों की नींद सोमवार को उस वक्त टूट गई जब वायुसेना(Airforce) के विमानों की गरजना शुरू हई। लोगों ने घरों से बाहर निकलकर देखा तो आसमान में मिराज-2000 (Mirage-2000), अपाचे(Apache) और राफेल(Rafael) उड़ान भर रहे थे। अहम बात ये है कि जम्मू कश्मीर सीमा से लगे हुए लंगेरा, चुराह, सतरूंडी, मंगली, महलनाग क्षेत्रों में भी लड़ाकू विमान उड़ते रहे। इस अभ्यास में वायुसेना(Airforce) के मिराज-2000(Mirage-2000), लड़ाकू विमान राफेल(Fighter Aircraft Rafael), अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे(Attack Helicopter Apache), सुखोई (Sukhoi) समेत भारत में निर्मित तेजस को और कई अन्य विमान भी शामिल हुए।
त्रिशुल(Trishul) युद्धाअभ्यास रविवार देर रात से ही शुरू हो गया था। ये युद्धाअभ्यास भारत की उत्तरी सीमा पर करीब 1400 KM के क्षेत्र में किया जा रहा है। इस पूरे इलाके में पंजाब (Punjab), जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir), उत्तराखंड (Uttarakhand), लद्दाख (Laddakh), सिक्किम (Sikkim), के कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक ये अभ्यास 14 सितंबर तक चलेगा। इस अभ्यास में वायुसेना(Airforce) के जवान युद्ध की सभी बारीकियों का अभ्यास करेंगे।
शाहीन एक्स का जवाब है त्रिशुल
इन दिनों चीन(China) और पाकिस्तान (Pakistan) की वायुसेनाएं साझा युद्धाअभ्यास कर रहीं हैं। इस युद्धाअभ्यास का नाम “शाहीन एक्स” रखा गया है। चीन(China) और पाकिस्तान(Pakistan) का ये युद्धअभ्यास अगस्त में शुरू हुआ था। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है भारत ने त्रिशुल सैन्य अभ्यास चीन और पाकिस्तान(Pakistan) के “शाहीन एक्स”(Shaheen Ex) युद्धाअभ्यास के जवाब में शुरू किया है। चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारतीय वायुसेना(Indian Airforce) का यह बड़ा अभ्यास है। भारतीय वायु सेना आसमान में ही ईंधन भरने वाले विमानों व निगरानी रखने वाले अवाक्स(AWACS) को भी अभ्यास में शामिल कर रही है।
वायु सेना(Airforce) से मिली जानकारी के मुताबिक सैटेलाइट के जरिए भी अभ्यास की बारीकियों पर नजर रखी जाएगी, तो जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की ताकत भी जांची जाएगी। वायुसेना की स्पेशल फोर्स यूनिट(Special Force Unit) गरुड़(Garud) को भी इस अभ्यास में शामिल किया गया है। अहम बात ये है कि वायुसेना(Airforce) के ऑपेरशन में साइबर सिक्योरिटी पर भी काफी महत्व दिया जाएगा। गौरतलब है कि हाल के सालों में वायुसेना के सामने चुनौतियां बढ़ी हैं, खासकर पूर्वी लद्दाख में पिछले तीन साल से जिस तरह से चीन के साथ तनाव जारी है और वहीं पाकिस्तान(Pakistan) से लगी सीमा पर चुनौतियां मिलती रहती हैं। इसी को देखते हुए ये युद्धाअभ्यास किया जा रहा है।