Hathras Stamped : भोले बाबा की बढ़ती लोकप्रियता से जलती हैं मायावती - वकील एपी सिंह
हाथरस हादसे के बाद से ही भोले बाबा सवालों के घेरे में है। राजनीतिक दलों के नेता लगातार भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच नारायण साकार हरि एवं मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के वकील डॉ. एपी सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
Hathras Stamped : हाथरस हादसे के बाद से ही भोले बाबा सवालों के घेरे में है। राजनीतिक दलों के नेता लगातार भोले बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच नारायण साकार हरि (Narayan Sakar Hari Bhole Baba) एवं मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम (Manav Mangal Milan Sadbhavana Samagam) के वकील डॉ. एपी सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
भायावती संविधान पर विश्वास नहीं करती- एपी सींह
वकील एपी सिंह (Advocate Dr. AP Singh) ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) ने भोले बाबा को लेकर जो बयान दिया है, वह काफी दुखद है और ये वास्तव में उनकी धारणा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar) के बनाए संविधान (Constitution of India) पर विश्वास नहीं करने वाली लगती है। साथ ही में दलित, शोषित, वंचित और पीड़ित जो समाज था, गरीब-मजदूर परिवार थे, क्या उन्हें आस्था, श्रद्धा और विश्वास के लिए अधिकार नहीं है। क्या वो लोग भक्ति-भाव और समागम नहीं कर सकते।
भोले बाबा घटना के 30-35 मिनट पहले ही घटनास्थल से निकल गए थे
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश का जो इतिहास रहा है, छत्रपति साहूजी महाराज हों या संत रविदास या फिर संत कबीरदास हों, जिनसे कुछ भी छुपा नहीं है। अगर वर्तमान की बात करें तो बाबू जगजीवन राम ने दलितों, शोषित और वंचितों को आगे बढ़ाने का काम किया, लेकिन मायावती के लिए ऐसी बात नहीं है। क्या उन्हें एसआईटी पर विश्वास नहीं है। क्या उन्हें अधिकारी या रिटायर्ड जजों पर भरोसा नहीं है। वह जांच कमेटी पर सवालिया निशान खड़े कर रही हैं। नारायण साकार हरि की संलिप्ता को बढ़ाना चाहती हैं।
मायवती भोले बाबा की बढ़ती लोकप्रियता से जलती हैं
वकील एपी सिंह ने कहा कि भोले बाबा घटना के 30-35 मिनट पहले ही वहां से जा चुके थे और उसके बाद भी मायावती का बयान काफी दुखद है। भोले बाबा को टारगेट किया जा रहा है। क्या दलित, शोषित समाज के समागम करने का अधिकार उन्होंने छीन लिया। वह भोले बाबा की बढ़ती लोकप्रियता से जलती हैं और इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। ये समय मृतक परिवारों को संवेदना देने का है। मायावती को अपना बयान वापस लेना चाहिए। बता दें कि 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थी।
मायावती ने SIT की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहना है कि रिपोर्ट (Hathras SIT Report) घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है। पूर्व सीएम मायावती ने बुधवार को एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, "उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है। किन्तु एसआईटी की ओर से सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुखद है।"
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