Hariyali Teej 2024:कब है हरियाली तीज और क्या है इसके पीछे की मान्यता?

हरियाली तीज, जिसे श्रावणी तीज या कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में, विशेषकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है। आइये आपको बताते हैं कि हरियाली तीज का क्या महत्व है? इसे क्यों मनाया जाता है? कैसे करें पूजा? और ये कब है?

Hariyali Teej 2024:कब है हरियाली तीज और क्या है इसके पीछे की मान्यता?

Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज, जिसे श्रावणी तीज या कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में, विशेषकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है। यह पर्व हर सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दौरान महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिए कठिन व्रत का पालन करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइये आपको बताते हैं कि हरियाली तीज का क्या महत्व है? इसे क्यों मनाया जाता है? कैसे करें पूजा? और ये कब है?

हरियाली तीज का महत्व

हरियाली तीज का व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत का धार्मिक महत्व भी है क्योंकि यह देवी पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व वर्षा ऋतु के आगमन का स्वागत करता है और हरियाली एवं प्रकृति की सुंदरता का प्रतीक है।

क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तीज के दिन ही देवों के देव महादेव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक तप किया था। जिससे भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के कठिन तप से प्रसन्न हुए, और उन्होंने 108 वें जन्म में पार्वती जी से विवाह रचाया। यही कारण है कि हरियाली तीज का दिन सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियों के साथ ही कुवांरी कन्यायों के लिए भी व्रत का विधान है। माना जाता है कि इस व्रत का पालन करने से सुहागिन स्त्रियों को अपने पति की दीर्घायु और कुवांरी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।  

इस दिन कैसे करें पूजा? 

हरियाली तीज पर स्त्रियां घर पर पूजा करने के लिए सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लें। इसके बाद हरे रंग के वस्त्र, और चूड़ियां पहन कर व्रत का संकल्प लें। मन्यताओं के अनुसार इस दिन हरे रंग की चूड़ियां और मेहंदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।  सोलह श्रिंगार करके पूजा की चौकी तैयार करें और उसपर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें। हरियाली तीज व्रत का पाठ करें या सुनें। आरती के साथ पूजा का समापन करें। बड़ों का आशीर्वाद लें। तामसिक चीजों से परहेज करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। हरियाली तीज की पूजा में तीज माता की कथा का पाठ किया जाता है। यह कथा देवी पार्वती और भगवान शिव के मिलन की कहानी का वर्णन करती है। कथा सुनने के बाद महिलाएं हाथों में मेंहदी लगाती हैं और तीज के गीत गाकर इस पर्व को मनाती हैं।

इस साल कब है हरियाली तीज?

इस साल हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जा रहा है। इस तिथि की शुरुआत 6 अगस्त 2024 शाम 7 बजकर 52 मिनट पर हो रही है। और इसका समापन 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजे होगा। ऐसे में व्रत धारक उचित समय का ध्यान रखते हुए व्रत का पालन करें।