Bhadra On Raksha Bandhan: कौन है भद्रा जिसके रहते नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन ?
भद्रा एक अशुभ मुहूर्त है जिसके होने पर कोई भी शुभ कार्य करने के अशुभ परिणाम सामने आते हैं। इसलिए भद्रा होने पर राखी बांधना अशुभ (Tying Rakhi in Bhadra is inauspicious) माना जाता है। भद्रा के खत्म होने के पश्चात ही राखी बांधनी चाहिए।
Bhadra On Raksha Bandhan:हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन पर्व का विशेष महत्व होता है। भाई बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाई को राखी बांधती है औऱ उनसे रक्षा करने का वचन मांगती है। लेकिन इस दिन हमारी खुशियां में बाधा बनकर उत्पत्र होती है भद्रा...क्या होती है भद्रा नक्षत्र और क्यों ये रक्षा बंधन में लगती है चलिए आपको बताते है
भद्रा एक अशुभ मुहूर्त है जिसके होने पर कोई भी शुभ कार्य करने के अशुभ परिणाम सामने आते हैं। इसलिए भद्रा होने पर राखी बांधना अशुभ (Tying Rakhi in Bhadra is inauspicious) माना जाता है। भद्रा के खत्म होने के पश्चात ही राखी बांधनी चाहिए।
कौन है भद्रा?
हिन्दू धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री का नाम था। साथ ही वो शनि की बहन भी थी। जिस तरह शनिदेव को कठोर माना जाता है ठीक उसी तरह भद्रा भी अपने भाई शनिदेव की तरह काफी कठोर मानी जाती है। इसीलिए भद्रा के स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें काल गणना के एक प्रमुख अंग विष्टिकरण में स्थान दिया था..साथ भद्रा लगने के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। हालांकि भद्रा काल में तंत्र-मंत्र की पूजा, राजनीतिक कार्यों और कोर्ट-कचहरी से जुड़ा काम के लिए काफी अच्छा भी माना जाता है।
भद्रा काल में क्यों नही बांधनी चाहिए राखी ?
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक एक बार ब्रह्मा जी ने भद्रा को श्राप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करेगा उसे उस काम में सफलता नहीं मिलेगी। यही कारण है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन सावन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस बार यह 19 अगस्त को मनाया जायेगा। वहीं इस बार 1:32 बजे के बाद से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शुरू (Auspicious time of Rakshabandhan) होगा, जो शाम को 4:21 बजे तक रहेगा।