Electoral Bond: केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 29वीं किस्त को दी मंजूरी

केंद्र ने भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई को 6 से 20 नवंबर के बीच अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से चुनावी बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया है।

Electoral Bond: केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 29वीं किस्त को दी मंजूरी

Electoral Bond: 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 29वीं किश्त जारी करने को मंजूरी दे दी है। केंद्र ने भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई को 6 से 20 नवंबर के बीच अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से चुनावी बांड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया है। चुनावी बांड जारी होने की तारीख से 15 कैलेंडर दिनों के लिए मान्य होंगे और अगर इनकी वैधता अवधि खत्म होने के बाद बांड जमा किया जाता है तो किसी भी भुगतानकर्ता राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।

किसी पात्र राजनीतिक दल द्वारा उसके खाते में जमा किया गया चुनावी बांड उसी दिन जमा किया जाएगा। बता दें कि भारत सरकार ने 2 जनवरी, 2018 को एक गजट अधिसूचना के माध्यम से चुनावी बांड योजना 2018 को अधिसूचित किया था। योजना के प्रावधानों के मुताबिक, चुनावी बांड ऐसे व्यक्ति द्वारा खरीदा जा सकता है जो भारत का नागरिक है या भारत में निगमित या स्थापित है। एक व्यक्ति व्यक्तिगत होने के नाते अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बांड खरीद सकता है। 

केवल वे राजनीतिक दल जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (1951 का 43) की धारा 29ए के अन्तर्गत पंजीकृत हैं और जिन्होंने लोक सभा या विधान सभा के पिछले आम चुनाव में डाले गए वोटों का कम से कम एक प्रतिशत वोट हासिल किया हो। राज्य के चुनावी बांड प्राप्त करने के पात्र होंगे। चुनावी बांड को पात्र राजनीतिक दल द्वारा केवल अधिकृत बैंक के बैंक खाते के माध्यम से भुनाया जाएगा।

इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

बता दें कि केंद्र सरकार का यह फैसला तब आया है, जब राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने वाले है और चुनाव प्रचार तेजी से चल रहा है। इन चुनावी राज्यों में 7 से 30 नवंबर तक वोटिंग होगी। जबकि मतगणना 3 दिसंबर को होगी।

वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की जरूरत पर ही सवाल उठाया है। 5 जजों की पीठ ने 4 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और चुनाव आयोग से सभी दलों की फंडिंग का ब्योरा मांगा है।