Earthquake in Japan: जापान में महसूस किये गए भूकंप के तेज झटके, सुनामी की चेतावनी जारी
भूकंप इशिकावा प्रांत के अनामिजु शहर में आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.4 दर्ज की गई। जिसके बाद प्रशासन ने सुनामी का अलर्ट जारी किया है।
Earthquake in Japan: जापान में नए साल के पहले दिन भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप इशिकावा प्रांत के अनामिजु शहर (Anamizu City, Ishikawa Prefecture) में आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.4 दर्ज की गई। जिसके बाद प्रशासन ने सुनामी का अलर्ट जारी किया है। होन्शू द्वीप (honshu island) के तटीय क्षेत्र इशिकावा में आए भूकंप के झटके एशियाई देश के कई क्षेत्रों में महसूस किए गए।
धरती से 10 किलोमीटर नीचे था भूकंप का केंद्र
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक इसका केंद्र धरती से 10 किलोमीटर नीचे और इशिकावा के नोटो क्षेत्र में वाजिमा पूर्व-उत्तरपूर्व में 30 किमी दूर 37.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 137.2 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था। भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 12:40 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसके बाद लगातार 2 झटके महसूस किये गए। 8 मिनट बाद ही 6.2 तीव्रता का पहला आफ्टरशॉक रिकॉर्ड किया गया। फिर 5.2 तीव्रता का दूसरा आफ्टरशॉक रिकॉर्ड किया गया। जानकारी के मुताबिक जापान में लगातार भूकंप के 21 झटके महसूस किये गए।
16 फीट ऊंची लहरें उठने की चेतावनी जारी
जापानी पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके (Japanese public broadcaster NHK) ने समुद्र में 5 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की चेतावनी जारी की है। प्रशासन का कहना है कि 5 मीटर यानि 16 फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इसके साथ ही प्रशासन ने कोस्टल एरिया (coastal area) यानि समुद्र के किनारे के निगाटा, टोयामा, इशिकावा प्रान्तों (Niigata, Toyama, Ishikawa Prefectures) में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा है। फिलहाल अभी तक किसी के मारे जाने की खबर नहीं मिली है।
मार्च 2011 में 9 तीव्रता का आया था भूकंप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के बाद फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट (Fukushima Nuclear Plant) पर सख्त नजर रखी जा रही है। दरअसल, जापान में मार्च 2011 में आए 9 तीव्रता वाले भूकंप के कारण भयानक सुनामी आई थी। तब सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट (Fukushima Nuclear Plant) को तबाह कर दिया था। इसे पर्यावरण को नुकसान के लिहाज से बड़ी घटना माना गया था। तब समुद्र में उठी 10 मीटर ऊंची लहरों ने कई शहरों में तबाही मचाई थी। इसमें करीब 16 हजार लोगों की मौत हो गई थी।