Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया संविदाकर्मी, हालत गंभीर, प्रयागराज रेफर
प्रतापगढ़ में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर बिजली विभाग में तैनात एक संविदाकर्मी गंभीर रूप से झुलस गए हैं। संविदाकर्मी की हालत नाजुक देखते हुए मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने उन्हें प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया।
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में हाईटेंशन तार (high tension wire) की चपेट में आकर बिजली विभाग (electricity department) में तैनात एक संविदाकर्मी (Contract workers) गंभीर रूप से झुलस गए हैं। संविदाकर्मी की हालत नाजुक देखते हुए मेडिकल कालेज (medical college) के डॉक्टरों ने उन्हें प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया। वहीं, एक महीने के अंदर ये तीसरा बड़ा हादसा है। इस बीच बिजली विभाग के अधिकारी अपनी लापरवाही पर मौन कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
एसएसओ प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल रेफर
दरअसल, हादसे का शिकार हुआ संविदाकर्मी का नाम राकेश श्रीवास्तव है। वे सदहा उपकेंद्र (Sadaha sub-centre) पर एसएसओ पद (SSO post) पर तैनात हैं। जानकारी के मुताबिक, राकेश श्रीवास्तव आज सुबह लगभग 8 बजे सदहा उपकेंद्र अंतर्गत एचटी लाइन बनाने के लिए पोल पर चढ़ा था। इस दौरान अचानक लाइन चालू हो गई। जिसकी चपेट में आकर उसका शरीर झुलस गया। विभागीय लोगों ने उसे इलाज के लिए जिला मेडिकल कालेज भेजा। जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत नाजुक देखते हुए उसे प्रयागराज स्वरूपरानी (Prayagraj Swarooprani) रेफर कर दिया।
दो लाइनमैन की जा चुकी है जान
बता दें कि आसपुर देवसरा उपकेंद्र के अंतर्गत एक महीने के अंतर ये तीसरा बड़ा हादसा है। इसके पहले 20 दिन के भीतर ढकवा उपकेंद्र पर दो लाइन मैन की एचटी लाइन के चपेट में आने से मौत हो चुकी है। वहीं आज सदहा उपकेंद्र पर राकेश श्रीवास्तव गंभीर रूप से घायल हो गए है। अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि किसके आदेश पर एसएसओ कर्मी को पोल पर चढ़ाया गया था। इस हादसे को लेकर अब उपकेंद्र के जेई की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
पिछले हादसों पर अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, पिछले हादसों को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। बिजली विभाग के मुख्य अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मौर्य (Chief Superintending Engineer Satyapal Maurya) पर लापरवाही के आरोप हैं। कहा जा रहा है कि मुख्य अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मौर्य इन हादसों के जिम्मेदार हैं। यदि वे समय रहते सतर्क रहते तो एक महीने के अंदर इतनी घटनाएं नहीं होती।