Kolkata case: कोलकाता केस के पीड़ित परिवार को लेकर कांग्रेस का दावा, डॉक्टर की फैमिली को किया गया नजरबंद

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीड़ित परिवार के माता-पिता के नजरबंद होने का दावा किया है।

Kolkata case: कोलकाता केस के पीड़ित परिवार को लेकर कांग्रेस का दावा, डॉक्टर की फैमिली को किया गया नजरबंद

Kolkata case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chaudhary) ने पीड़ित परिवार के माता-पिता के नजरबंद होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पीड़ित के माता-पिता को नजरबंद करके रखा है। उनका घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। इसके साथ ही अधीर रंजन ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने पीड़ित के परिवार को पैसे की पेशकश की थी, ताकि बेटी का अंतिम संस्कार जल्दी कर दिया जाए। कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने इसे राज्य सरकार के निर्देश पर किया गया था।

अधीर रंजन का बड़ा दावा

अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने कहा कि कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को हाउस अरेस्ट कर रखा है। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। पुलिस ने उनके घर के चारों ओर बैरिकेड लगाए हैं। वहीं, सीआईएसएफ (CISF) को इस मामले कि कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) के निर्देश पर पीड़िता के पिता को पैसे ऑफर किये गए और उनसे कहा कि बेटी का अंतिम संस्कार जल्द करें।

अधीर रंजन ने ममता सरकार पर साधा निशाना

अधीर रंजन का कहना है कि बंगाल कि सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने सीबीआई (CBI) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियों से बच रहीं हैं। टीएमसी (TMC) बंगाल के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कह रही है कि सीबीआई (CBI) कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी है कि वे सीबीआई का सहयोग करें।

अधीर रंजन ने कोलकाता पुलिस पर लगाया आरोप

कांग्रेस नेता ने आरजी कर अस्पताल के दौरे के दौरान आंदोलनकारी डॉक्टरों से मिलने से रोकने का पुलिस पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा वे वहां एक आम व्यक्ति के तौर पर गए थे, न कि एक राजनीतिक नेता के तौर पर, ताकि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का समर्थन कर सकें। लेकिन उन्हें प्रदर्शनकारियों से मिलने ही नहीं दिया गया।