CM Yogi: गोरखपुर में सीएम योगी ने लगाया जनता दर्शन, सैकड़ों लोगों की सुनीं समस्याएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के दौरे पर हैं। सीएम योगी ने आज गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन लगाया। इस दौरान उन्होंने लगभग 300 लोगों की समस्याएं सुनी। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में कुर्सियों पर बैठे पीड़ितों तक पहुंच कर सीएम योगी ने उनकी समस्याएं सुनीं।
CM Yogi: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) गोरखपुर (gorakhpur) के दौरे पर हैं। सीएम योगी (CM Yogi) ने आज गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में जनता दर्शन लगाया। इस दौरान उन्होंने लगभग 300 लोगों की समस्याएं सुनी। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार (Mahant Digvijaynath Smriti Bhawan Auditorium) में कुर्सियों पर बैठे पीड़ितों तक पहुंच कर सीएम योगी (CM Yogi) ने उनकी समस्याएं सुनीं। इसके साथ ही सीएम योगी ने संबंधित अधिकारियों को उनकी समस्याओं का जल्द निस्तारण कराने का आदेश दिया।
बिना चिंता के कराएं इलाज, पैसा देगी सरकार- योगी
सीएम योगी ने जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग करने पहुंचे लोगों को आश्वस्त किया है कि वह बिना चिंता किए अच्छे से अच्छे अस्पताल में उपचार कराएं। उपचार में जो भी पैसा खर्च होगा वह सरकार देगी। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है और उन्हें इलाज में सरकार से आर्थिक सहायता की जरूरत है, उनके एस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द पूरा कराकर शासन को उपलब्ध कराया जाए। सीएम योगी ने कहा कि हर जरूरतमंद को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष (Chief Minister's Discretionary Fund) से पर्याप्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। किसी को भी परेशान होने या घबराने होने की जरूरत नहीं है। हर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
दबंगों के खिलाफ करें कड़ी कानूनी कार्रवाई- सीएम योगी
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे जनता की समस्याओं पर पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से ध्यान दें। उनका तुरंत, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक निस्तारण कराएं ताकि किसी को भी परेशान न होना पड़े। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। सीएम ने कहा कि यदि कहीं कोई जमीन कब्जा या दबंगई कर रहा हो तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। पारिवारिक मामलों के निस्तारण में दोनों पक्षों को एक साथ बैठाकर संवाद करने को प्राथमिकता दी जाए।