Ashish Mishra: आशीष मिश्रा का राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे और 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो इसे अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा।

Ashish Mishra: आशीष मिश्रा का राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन- सुप्रीम कोर्ट

Ashish Mishra: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा (Union Minister of State for Home Ajay Kumar Mishra) के बेटे और 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा (lakhimpur kheri violence) के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो इसे अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे और 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो इसे अंतरिम जमानत की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा। मामले में पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि आशीष राजनीतिक रूप से सक्रिय है। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पीड़ित परिवारों की तरफ से पेश वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि आशीष मिश्रा राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेता है और एक वीडियो में उसे ट्राइसाइकिल वितरित करते देखा गया था।

वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट में दी कई दलीलें

भूषण ने कहा कि कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देते हुए उसके उत्तरप्रदेश में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन वह जगह-जगह घूम रहा, ट्राइसाइकिलें बांट रहा है और राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग ले रहा है। भूषण ने कहा कि वह उन वीडियो के साथ कोर्ट में एक हलफनामा पेश करेंगे, इसमें आशीष मिश्रा को साइकिल वितरित करते हुए देखा जा सकता है। इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि अगर वह किसी समारोह में शामिल हो रहा है, तो यह निश्चित रूप से अंतरिम जमानत की शर्त का उल्लंघन है।

आशीष मिश्रा ने कोर्ट के सामने पेश की सफाई

वहीं इन आरोपों का खंडन करते हुए आशीष मिश्रा के वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होने पर उनका मुवक्किल एक दिन पहले यूपी में प्रवेश करता है और अगले दिन वापस लौट जाता है। कोर्ट ने भूषण से राजनीतिक गतिविधियों में आशीष मिश्रा की भागीदारी के संबंध में हलफनामा पेश करने को कहा। 

जनवरी 2023 में आशीष मिश्रा को मिली थी अंतरिम जमानत

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2023 में आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई थीं। इसमें कहा गया था कि आशीष मिश्रा को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा, वह यूपी या दिल्ली-एनसीआर में नहीं रह सकता, वह अदालत को अपने स्थान के बारे में सूचित करेगा और उसके परिजन या वह स्वंय गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे। ऐसा करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।