Akshaya Navami 2023: अक्षय नवमी व्रत पर इस तरह करें भगवान विष्णु की उपासना दूर होंगे सारे कष्ट
अक्षय नवमी व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार सतयुगादि के अवसर पर पुण्य की प्राप्ति के लिए ऐसा करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
Akshaya Navami 2023: कार्तिक मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय महीना है। इस माह में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योंहारों का महत्व बहुत अधिक होता है। आज अक्षय नवमी व्रत है। यह व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन रखा जाता है। आपको बता दें कि यह व्रत देवउठानी एकादशी के दो दिन पहले रखा जाता है। इस पर्व में भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।
अक्षय नवमी व्रत के नियम
अक्षय नवमी व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार सतयुगादि के अवसर पर पुण्य की प्राप्ति के लिए ऐसा करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लाखों की संख्या में भक्त गण मथुरा-वृन्दावन की परिक्रमा करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाकर खाना लाभकारी माना जाता है। अगर आप घर में ऐसा करने में आप असमर्थ हैं तो भोजन बनाने से पहले आंवले के वृक्ष की पूजा अवश्य करें और उसके पश्चात भोजन ग्रहण करें।
इन मंत्रों का करें उच्चारण
ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:
ऊँ श्री अक्रूराय नम:
ऊँ श्री सुलोचनाय नम:
ऊँ श्री श्रीपतये नमः
ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:
ऊँ श्री ईश्वराय नमः
ऊँ श्री योगिनेय नम:
ऊँ श्री दयानिधि नम:
ऊँ श्री कमलनयनाय नम:
ऊँ श्री द्वारका नाथाय नमः
ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:
ऊँ श्री केश्वाय नम:
इन मंत्रों का उच्चारण करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जायेंगे और साथ ही आप पर भगवान विष्षु की कृपा भी बनी रहेगी। इस दिन भगनाव विष्णु को प्रसत्र करने के लिए पीले वस्त्र धारण करें। उनकी सच्चे मन से उपासना करें। ऐसा करने से आप पर व आपके परिवार पर भगवान विष्णु की कृपा दर्ष्टि बनी रहेगी और आपके परिवार में खुशहाली रहेगी।
बता दें कि अक्षय का अर्थ कभी समाप्त न होने वाला या कम न होने वाला होता है। इसलिए इस दिन जो भी काम भक्तिभाव से किये जाते है वो सभी कार्य सफल होते हैं।