PDA Yatra: अखिलेश यादव ने चलाई साइकिल, बताया पीडीए का फुलफॉर्म

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि सपा के पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) में अगड़े और आदिवासी सहित हर कोई शामिल है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में पीडीए यात्रा में भाग लिया।

PDA Yatra: अखिलेश यादव ने चलाई साइकिल, बताया पीडीए का फुलफॉर्म

PDA Yatra: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि सपा के पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) में अगड़े और आदिवासी सहित हर कोई शामिल है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में पीडीए यात्रा में भाग लिया।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पीडीए में हर कोई शामिल है। चाहे वह अगड़ा हो या आदिवासी, पीडीए में सभी को शामिल किया गया है, जिनके अधिकारों के लिए हमारी पार्टी संघर्ष कर रही है। सपा अपने पीडीए और जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर साइकिल यात्रा निकाल रही है। पार्टी अब तक 80 दिनों में 5,000 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी है। 125 विधानसभा क्षेत्रों से गुजर चुकी यात्रा सैफई में खत्म होगी। यह यात्रा सपा कार्यकर्ता अभिषेक यादव के नेतृत्व में निकाली गई है।

उन्होंने कहा कि यात्रा 22 नवंबर को सैफई में संपन्न होगी। सपा की ऐसी यात्राएं और शिविर जारी रहेंगे क्योंकि देश का रास्ता यूपी से ही निकलता है। इस यात्रा में सामाजिक न्याय, जाति आधारित जनगणना और लोगों के सम्मान तथा अधिकार से जुड़े मुद्दे उठाए जा रहे हैं। यह यात्रा देश को बांटने की साजिश रच रही ताकतों से, इस देश को बचाने के लिए है।

अखिलेश यादव ने कहा कि हमने इतना शानदार स्टेडियम बनवाया, इसलिए हम अगड़े हैं और जिसने कुछ नहीं कराया, वह पिछड़ा है। पीडीए पिछड़े, अल्पसंख्यक, दलित और अगड़ों की भी बात कर रहा है। इसमें आदिवासी समूह भी है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। यह यात्रा पहले से चल रही है। घबरा वही लाेग रहे हैं, जो सिर्फ तस्वीर खींचवाने आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद के बेटे के साथ इलाज को लेकर जो लापरवाही हुई है, भाजपा सरकार में अगर उन्हें ही इलाज नहीं मिल पा रहा है, तो क्या ही कहें। एक छोटे डॉक्टर-कर्मचारी का ट्रांसफर कर देने से कुछ नहीं होगा। इसमें खुद मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। एक भी ऐसा अस्पताल बता दो, जो भाजपा सरकार में बना हो। डबल इंजन की सरकार में अस्पताल बदहाल हैं। वर्ल्ड क्लास जौनपुर का मेडिकल कॉलेज, उसका नाम बदल दिया। जो पिछड़ा होगा, वो नाम बदलेगा।