Afghan Refugees:पाकिस्तान से घर लौट रहे अफगानी शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल बनाएगा तालिबान

Afghan Refugees: काबुल में तालिबान शासन ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान से घर लौटने वाले हजारों अफगान शरणार्थियों के लिए आश्रय का निर्माण करेगा।

Afghan Refugees:पाकिस्तान से घर लौट रहे अफगानी शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल बनाएगा तालिबान

Afghan Refugees: काबुल में तालिबान शासन ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान से घर लौटने वाले हजारों अफगान शरणार्थियों के लिए आश्रय का निर्माण करेगा, क्योंकि पाकिस्तान ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के निष्कासन के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया तैयार की है।

काबुल में तालिबान शासन ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान से घर लौटने वाले हजारों अफगान शरणार्थियों के लिए आश्रय का निर्माण करेगा, क्योंकि पाकिस्तान ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के निष्कासन के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया तैयार की है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक स्थानीय मीडिया आउटलेट के हवाले से कहा, ''कार्यवाहक शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्री खलील रहमान हक्कानी ने पाकिस्तान की सीमा से लगे तोरखम क्रॉसिंग पॉइंट की अपनी हालिया यात्रा के दौरान आश्रयों के निर्माण का निर्देश दिया।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में 1,50,000 से अधिक अफगान शरणार्थी तोरखम के रास्ते पाकिस्तान से घर लौट आए हैं। 

2,00,000 से ज्यादा अफगान शरणार्थी, जिनमें से अधिकांश तोरखम सीमावर्ती शहर के माध्यम से और कुछ स्पिन बोल्डक एवं अन्य क्रॉसिंग प्वाइटों के जरिए कथित तौर पर पिछले महीने में अपने वतन लौट आए हैं।

तालिबान शासन के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''तोरखम में अधिकारी गुरुवार को लौटने वालों के लिए 10,000 लंच और 30,000 डिनर की तैयारी कर रहे हैं।

पाकिस्तान ने मेजबान देश में दशकों तक रहने के बाद 1.7 मिलियन बिना दस्तावेज वाले अफगान शरणार्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस भेजने का फैसला किया, जबकि तालिबान शासन ने इस्लामाबाद से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान छोड़ने की समय सीमा 1 नवंबर को समाप्त हो गई है।

इस बीच, देश में अभी भी मौजूद सैकड़ों गैर-दस्तावेजी अफगान शरणार्थियों को पकड़ने के लिए पूरे पाकिस्तान में कार्रवाई चल रही है।

पाकिस्तान ने अपने कठोर फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र, अधिकार समूहों और पश्चिमी देशों के आह्वान को नजरअंदाज कर दिया है और कहा है कि सुरक्षा चिंताओं के बीच वह वही कर रहा है जो उसे करना है।

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