Adani: पर्यावरण मंत्रालय की एक कमेटी के सदस्य बने अडानी ग्रीन के एडवाइजर

अडानी कंपनी के एक कार्यकर्ता को पर्यावरण मंत्रालय की उसी कमेटी में सदस्य बना दिया गया है जिस कमेटी को अडानी कंपनी की ही परियोजनाओं पर विचार करना है। 

Adani: पर्यावरण मंत्रालय की एक कमेटी के सदस्य बने अडानी ग्रीन के एडवाइजर

Adani: अडानी ग्रीन एनर्जी के एडवाइजर जनार्दन चौधरी को केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय में एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी में सदस्य बनाया गया है। जिसके बाद से हितों के टकराव को लेकर बातें शुरु हो गई हैं। बता दें कि पर्यावरण मंत्रालय की इसी एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी को अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की कई परियोजनाओं पर विचार करना है। इसी वजह से यह मामला सामने आया है कि कैसे अडानी कंपनी के एक कार्यकर्ता को पर्यावरण मंत्रालय की उसी कमेटी में सदस्य बना दिया गया है जिस कमेटी को अडानी कंपनी की ही परियोजनाओं पर विचार करना है। 

सदस्य बनने के बाद हुई सिफारिश

दरअसल चौधरी को अप्रेजल कमेटी का सदस्य बनाए जाने के बाद इस कमेटी की एक बैठक हुई थी जिसमें अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की 1500 मेगावाट की एक परियोजना पर विचार हुआ था जिसके बाद कमेटी ने कंपनी के पक्ष में सिफारिश भी कर दी है। ये जानकारी एक मीडिया चैनल की जारी की गई रिपोर्ट में हुआ है।

जनार्दन चौधरी ने दी सफाई

इस मामले के सामने आने के बाद, जनार्दन चौधरी ने सफाई देते हुए कहा है कि वे उस बैठक में शामिल ही नहीं हुए थे, जिसमें अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की परियोजनाओं पर विचार किया गया था। 

कौन हैं जनार्दन चौधरी

जनार्दन चौधरी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के पंप स्टोरेज, प्लांट एंड हाइड्रो एडवाइजर के पद पर हैं। इससे पहले मार्च 2020 में चौधरी एनएचपीसी के तकनीकी निदेशक के पद से रिटायर हुए थे।

हितों का हो सकता है टकराव

ईएसी सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति को लेकर हितों के टकराव का आरोप लग सकता है, क्योंकि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट क्लियरेंस के लिए इसी एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी के पास आती हैं। दरअसल पर्यावरण मंत्रालय ने 27 सितंबर को हाइड्रो-इलेक्ट्रिसिटी और रिवर वैली प्रोजेक्ट्स पर विचार के लिए बनी एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी का पुनर्गठन करके उसमें जनार्दन चौधरी को शामिल किया था। चौधरी इस कमेटी में शामिल 7 गैर-संस्थागत सदस्यों में से एक हैं।

अडानी- प्रधानमंत्री रिश्ते पर प्रहार

बता दें कि गौतम अडानी और मोदी के संबंधों को लेकर हमेशा ही विपक्षी पार्टियां सरकार को निशाने पर लेती रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी तो यहां तक कह चुके हैं कि देश की सत्ता अडानी के हाथों में है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आत्मा अडानी में बसती है।