ASI report on Gyanvapi: ASI की रिपोर्ट में खुलासा, 'ज्ञानवापी में बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था'

गुरुवार देर रात वाराणसी ज्ञानवापी परिसर सर्वे की ASI रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई। ASI रिपोर्ट के मुताबिक, परिसर के अंदर भगवान की मूर्तियां मिली है। पूरे परिसर को मंदिर के स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 साक्ष्य पेश किए हैं। यहीं नहीं, मस्जिद परिसर के अंदर 'महामुक्ति मंडप' नाम का एक शिलापट भी मिला है।

ASI report on Gyanvapi: ASI की रिपोर्ट में खुलासा, 'ज्ञानवापी में बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था'

ASI report on Gyanvapi: गुरुवार देर रात वाराणसी ज्ञानवापी परिसर सर्वे की ASI रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई। ASI रिपोर्ट के मुताबिक, परिसर के अंदर भगवान की मूर्तियां मिली है। पूरे परिसर को मंदिर के स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 साक्ष्य पेश किए हैं। यहीं नहीं, मस्जिद परिसर के अंदर 'महामुक्ति मंडप' नाम का एक शिलापट भी मिला है।

ज्ञानवापी में बड़ा हिंदू मंदिर

ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ज्ञानवापी में एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। 17वीं शताब्दी में जब औरंगजेब का शासन था। उस वक्त ज्ञानवापी स्ट्रक्चर को तोड़ा गया। कुछ हिस्सों को मॉडिफाई किया गया। मूलरूप को प्लास्टर और चूने से छिपाया गया। 839 पेज की रिपोर्ट में ASI ने परिसर के प्रमुख स्थानों का जिक्र किया।

दीवार के नीचे 1 हजार साल पुराने अवशेष मिले

रिपोर्ट में बताया कि कन्नारथा, प्रतिरथा और नागर शैली में बनी पश्चिमी दीवार के अध्ययन से पता चलता है कि यह हिंदू मंदिर का हिस्सा है। यह दीवार 5 हजार साल पहले नागर शैली में बनी है। दीवार के नीचे 1 हजार साल पुराने अवशेष मिले हैं। यही नहीं, परिसर में एक शिलालेख का टूटा हिस्सा मिला। जिसका मूल पत्थर ASI म्यूजियम में हैं। यह शिलालेख 1966 का है। इस पर महामुक्ति मंडप लिखा है। औरंगजेब शासन (1792-93) के दौरान स्थल का मूल तत्व क्षतिग्रस्त किया गया।

वाराणसी के डीएम ने ज्ञानवापी तहखाने की कस्टडी ली

जिला न्यायाधीश अदालत के 17 जनवरी के आदेश के अनुपालन में जिला मजिस्ट्रेट एस. राजलिंगम ने रिसीवर के रूप में ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने को अपनी कस्‍टडी में ले लिया है। जिला मजिस्ट्रेट के प्रतिनिधि के रूप में, एडीएम (प्रोटोकॉल) प्रकाश चंद वादी और आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के मुख्य पुजारी शैलेन्द्र कुमार पाठक व्यास, उनके अधिवक्ताओं और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद (एआईएम) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पहुंचे।