UP News: प्रयागराज की हवा हुई और जहरीली, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 87वां स्थान
दिवाली के अगले ही दिन यानि 13 नवंबर को संगम नगरी की हवा बेहद जहरीली हो गई। हवा में सूक्ष्म कणों की मात्रा 2.5 सामान्य दिनों की अपेक्षा लगभग 8 गुना बढ़ गई है।
UP News: दीवाली के बाद प्रयागराज की हवा और जहरीली हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 302 पर पहुंच गया है। शहर के प्रदूषित स्थानों में नगर निगम दफ्तर सिविल लाइंस पहले नंबर पर रहा है। यहां की एक्यूआई 302 रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। दूसरे सबसे प्रदूषित जगहों में कटरा रहा है। यहां का एक्यूआई 293 दर्ज किया गया है। इसके बाद झूंसी का नंबर आता है। यहां 290 एक्यूआई रहा है। वहीं कटरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 277 रहा है।
87वें नंबर पर है संगम सिटी
दिवाली के अगले ही दिन यानि 13 नवंबर को संगम नगरी की हवा बेहद जहरीली हो गई। हवा में सूक्ष्म कणों की मात्रा 2.5 सामान्य दिनों की अपेक्षा लगभग 8 गुना बढ़ गई है। इसके साथ ही प्रयागराज दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में 87वें स्थान पर पहुंच गया है। पहले नंबर पर रसिया का चरनोगोर्स सिटी है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 618 है। दूसरे नंबर पर पटना है जिसका स्कोर 599 है। तीसरे नंबर पर भारत की राजधानी नई दिल्ली है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 599 है। प्रयागराज 302 एक्यूआई के साथ दुनिया के प्रदूषित शहरों में 62वें स्थान पर है।
एक्यूआई मापने के यंत्र लगे है
बता दें कि प्रयागराज के नगर निगम परिसर, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और झूंसी में एयर क्वालिटी इंडेक्ट मापने के लिए यंत्र लगे हुए हैं। इसके द्वारा पीएम 2.5 मापा जा रहा है। नगर निगम परिसर में एक नवंबर 2023 को पीएम 2.5 की मात्रा 255 माइक्रो ग्राम क्यूबिक थी।
दिवाली के दिन एक्यूआई आंकड़ा क्रमश: 302 तक पहु्ंच गया। इसी तरह मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के आंकड़े पिछले तीन दिनों के क्रमश: 124, 220 और 190 रहे। झूंसी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर 148, 237 और 217 दर्ज किया गया था।
बच्चे-बुजुर्ग रखें खास ख्याल
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, वातावरण में धूल के कण बढ़ने पर बच्चों और बुजुर्गों को खास सावधानी बरतनी चाहिए। धूल और धुआं से भी बचना चाहिए। घर से निकलने पर मास्क पहनकर ही निकलें। जानकारी के मुताबिक, प्रदूषण बढ़ने पर फेफड़ों में सूजन होने जैसी समस्या आ सकती है। अस्थमा के मरीजों को वायु प्रदूषण बढ़ने पर ज्यादा परेशानी हो सकती है।