UP News: अब यूपी के सरकारी अस्पतालों में लावारिस मरीजों को मिलेगा इलाज, बेड होंगे आरक्षित
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग इसकी व्यवस्था में जुट गया है। कोर्ट ने लावारिस या बिना तीमारदार के बुजुर्ग मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए नई व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये है।
UP News: उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब लावारिस मरीजों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग इसकी व्यवस्था में जुट गया है। कोर्ट ने लावारिस या बिना तीमारदार के बुजुर्ग मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए नई व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये है।
कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद अब लावारिस मरीजों के लिए अब सरकारी अस्पतालों में 7 बेड आरक्षित किए जाएंगे। जिसमें पुरुष रोगियों के लिए पांच और महिलाओं के लिए दो बेड आरक्षित होंगे। सरकारी अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक बेड की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। इसके साथ ही अगर मरीज चलने-फिरने में असमर्थ है तो उसके लिए अस्पताल अलग से सहायक की व्यवस्था भी करेगा। अस्पतालों में इन लावारिस रोगियों को सामान्य रोगियों के साथ जनरल वार्ड में भर्ती किया जाएगा। अगर मरीज की मानसिक बिमारी है तो उसको अलग वार्ड बनाकर भर्ती किया जाएगा और स्वस्थ होने के बाद मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। जानकारी के मुताबिक. सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने ये दिशा निर्देश सभी सरकारी अस्पतालों को जारी कर दिये है।
सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने जारी किये आदेश
बता दें कि सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रंजन कुमार की ओर से जारी आदेश में कर राज्य, मंडल, जिला व ब्लाक स्तरीय सरकारी अस्पतालों में इसके लिए तत्काल व्यवस्था किए जाने को कहा गया है। आदेश के मुताबिक, ऐसे लावारिस मरीज जिनकी उम्र 60 साल से अधिक हैं और वह मानसिक मंदित नहीं हैं, उन्हें स्वस्थ होने के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी की मदद से वृद्धाश्रम भेजा जाएगा। ऐसे मानसिक मंदित मरीज जिनकी बीमारी का इलाज संभव नहीं है, उन्हें जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी की मदद से मानसिक मंदित आश्रय गृह भेजा जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिये निर्देश
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में ज्योति राजपूत की ओर से दायर जनहित याचिका पर कोर्ट ने लावारिस मरीजों के लिए व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।