Ram Mandir: विदेशों में भी दिखी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की धूम, यूरोप से लेकर अमेरिका तक में जय श्रीराम की गूंज

22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर  के भव्य उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन जहां भारत के इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया तो वहीं इस ऐतिसाहिक दिन पर विदेशों में भी खूब उत्सव मनाया गया।

Ram Mandir: विदेशों में भी दिखी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की धूम, यूरोप से लेकर अमेरिका तक में जय श्रीराम की गूंज

Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर  के भव्य उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन जहां भारत के इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया तो वहीं इस ऐतिसाहिक दिन पर विदेशों में भी खूब उत्सव मनाया गया। क्या यूरोप, क्या अमेरिका क्या श्रीलंका और क्या पेरिस...हर देश में श्रीराम के जयकारे लगाए गए।

एफिल टावर पर लगे जय श्रीराम के नारे

प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन का लेकर पूरी दुनिया में उत्सव का माहौल देखने को मिला। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का ये उत्सव अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर से लेकर यूरोप के एफिल टावर के पास देखने को मिला। टाइम्स स्क्वायर पर राम मंदिर भूमि पूजन की तर्ज पर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट किया गया। 

पेरिस में निकाली गई रथ यात्रा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सम्पन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पेरिस में 21 जनवरी को राम रथ यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे यूरोप से एक हजार लोग इकट्ठा हुए। सोशल मीडिया पर पेरिस में रहने वाले एक यूजर ने राम रथ यात्रा के बारे में डिटेल भी शेयर किया था। और लिखा था कि 'फ्रांस में रहने वाले हम भारतीय पूरे पेरिस में राम रथ यात्रा और एफिल टावर पर बड़े पैमाने पर उत्सव का आयोजन करके अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण अवसर पर शामिल होंगे।'

160 देशों में मनाया गया रामोत्सव 

दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लाइव दिखाया गया। अमेरिका में 300, ब्रिटेन में 25, ऑस्ट्रेलिया में 30, कनाडा में 30, मॉरीशस में 100 के अलावा आयरलैंड, फिजी, इंडोनेशिया और जर्मनी जैसे 50 से अधिक देशों में बड़े पैमाने पर रामलला प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट किया गया। 

विदेशी मीडिया में छाया राम का नाम

कई देशों में जहां प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव की धूम रही तो वहीं विदेशी मीडिया में भी सिर्फ राम का नाम छाया हुआ है। द वॉशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट छापी जिसमें कहा गया कि मंदिर का निर्माण एक प्राचीन मस्जिद के ऊपर किया गया है। वहीं रॉयटर्स ने लिखा कि  मंदिर का निर्माण मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी का 35 साल पुराना वादा है। यह एक विवादास्पद राजनीतिक मुद्दा है, जिसने पार्टी को प्रमुखता और सत्ता में लाने में मदद की है।

अलजजीरा ने लिखा कि मोदी के विरोधियों का कहना है कि उन्होंने मार्च में शुरू होने वाले राष्ट्रीय चुनावों से पहले धर्म के नाम पर राजनीति शुरू कर दी है। बीबीसी के मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री ढहाई गई बाबरी मस्जिद की जगह पर राम मंदिर का उद्घाटन किया है। इससे मोदी को लोकसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ मिलेगा। 

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को भारत की धर्मनिरपेक्ष नीति और आम चुनावों से जोड़कर पेश किया पाकिस्तान के अखबार डॉन ने लिखा कि राम मंदिर से भाजपा ने विपक्ष को साफ संदेश दिया है कि अपनी विचार धारा को धर्मनिपरेक्ष से धार्मिक में बदल लीजिए नहीं तो आपको हिंदु विरोधी करार देकर देश की जनता 2024 में बाहर का रास्ता दिखा देगी।