Shardiy navratra 2 day : नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रहम्चारिणी की इस तरह से करे पूजा अर्चना, खूब बरसेगी मां की कृपा
Shardiy navratra 2 day : आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है। यह दिन मां ब्रहम्चारिणी को समर्पित होता हैं। इस दिन मां की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
Shardiy navratra 2 day : शारदीय नवरात्र का यह दूसरा दिन है। यह दिन मां ब्रहम्चारिणी को समर्पित होता है। ब्रहम् शब्द का अर्थ तपस्या होता है। ब्रह्मचारिणी अर्थात तप की चारिणी-तप का आचरण करने वाली। कहा भी हैं-वेदस्तत्वं तपो ब्रह्म-वेद,तत्व और तप ब्रह्म शब्द के अर्थ हैं। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है - नौ रातें। इन नौ रातों और दस दिन के दौरान,शक्ति देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है और दसवां दिन दशहरा मनाया जाता है। माँ दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरुप देवी ब्रह्मचारिणी का हैं। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य हैं। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता हैं।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
प्रात: स्नान के बाद मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति स्थापित करें। इसके पश्चात उनकी पूजा करें। मां ब्रह्मचारिणी को अक्षत्, फूल, कुमकुम, गंध, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि चढ़ाते हैं। माता को चमेली के फूल काफी प्रिय होते है, इसलिए हो सके तो चमेली के फूलों की माला पहनायें। इसके बाद उन्हे शकर चढ़ाएं।पूजा के दौरान मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करते रहें। इसके बाद आप दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। और अंत में पूजा का समापन मां ब्रह्मचारिणी की आरती से करे।
पूजा का लाभ-
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा से अनंत फल की प्राप्ति एवं तप,त्याग,वैराग्य,सदाचार,संयम जैसे गुणों की वृद्धि होती हैं। मॉ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सभी को सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती हैं। माता अपने सभी भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखती है।
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
2. दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
3. ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
4. ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
5. दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥