Paris Paralympics: पेरिस पैरालंपिक में भारत को मिला 8वां पदक, योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता रजत

पेरिस पैरालंपिक में भारत ने सोमवार को अपना 8वां पदक जीत लिया है। भारत के योगेश कथुनिया ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की डिस्कस थ्रो- एफ56 स्पर्धा में रजत पदक जीता है।

Paris Paralympics: पेरिस पैरालंपिक में भारत को मिला 8वां पदक, योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता रजत

Paris Paralympics: पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में भारत ने सोमवार को अपना 8वां पदक जीत लिया है। भारत के योगेश कथुनिया (Yogesh Kathuniya) ने पेरिस पैरालंपिक (paris paralympics) में पुरुषों की डिस्कस थ्रो- एफ56 स्पर्धा (Discus Throw – F56 Event) में रजत पदक जीता है। मई में हुए विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Para-Athletics Championships) में एफ56 श्रेणी में रजत पदक जीतने वाले कथुनिया ने 42.22 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज किया और रजत जीता, जबकि ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने 46.86 मीटर के रिकॉर्ड थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस स्पर्धा का कांस्य पदक कोंस्टैंटिनोस त्ज़ोनिस (Konstantinos Tzonis) ने जीता, जिन्होंने 41.32 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया।

कथुनिया ने 42.22 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज किया 

भारत के कथुनिया ने अपने पहले ही प्रयास में रजत पदक अपने नाम किया और इसके बाद क्रमश: 41.50 मीटर, 41.55 मीटर, 40.33 मीटर, 40.89 मीटर और 39.68 मीटर की दूरी तक थ्रो किया।  दिलचस्प बात यह है कि 27 वर्षीय भारतीय एथलीट ने टोक्यो 2020 में 44.38 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक जीता था। पेरिस 2023 पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप (Paris 2023 Para Athletics World Championships) में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था।

हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं कथूनिया

बता दें कि हरियाणा के बहादुरगढ़ से आने वाले कथूनिया 9 साल की उम्र से ही गिलियन-बर्रे सिंड्रोम का शिकार हो गए थे, जिसके कारण उन्हें लकवा पड़ गया था। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और उनकी मां ने उनको बहुत सहयोग दिया। 2017 में अपने कॉलेज दिनों में उन्होंने डिस्कस थ्रो की ट्रेनिंग शुरू की थी और इसके बाद से ही वह लगातार इस गेम में भारत के लिए मेडल जीत रहे हैं।

पेरिस पैरा खेलों में भारत को अब तक आठ पदक मिले 

कथुनिया का रजत पदक पेरिस पैरा खेलों में भारत का आठवां और एथलेटिक्स में चौथा पदक है। इससे पहले, निषाद ने पुरुषों की हाई जंप टी47 में रजत और प्रीति पाल ने 100 मीटर और 200 मीटर टी35 वर्ग स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते थे। वहीं, भारत के लिए अन्य चार पदक पैरा शूटिंग (para shooting) में जीते गए। अवनि और मोना अग्रवाल (Mona Agarwal) ने एसएच1 वर्ग में 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीता। वहीं, मनीष नरवाल (Manish Narwal) (पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1) और रुबीना फ्रांसिस (Rubina Francis) (महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1) ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता।