Mulayam Singh Yadav Death Anniversary: सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्यतिथि आज

Mulayam Singh Yadav death anniversary: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की आज पहली पुण्यतिथि है।

Mulayam Singh Yadav Death Anniversary: सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्यतिथि आज

Mulayam Singh Yadav death anniversary: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की आज पहली पुण्यतिथि है। इस मौके पर सैफई में उनके समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें अखिलेश यादव, डिंपल यादव, रामगोपाल यादव और परिवार के अन्य सदस्य शामिल रहे।

बता दें कि पिछले साल 10 अक्टूबर को गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव ने आखिरी सांस ली थी और उनका अंतिम संस्कार सैफई में 11 अक्टूबर को किया गया था।

तीन बार रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  

मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1991 में जनता दल टूट गया। 1993 में उन्होंने फिर यूपी में सरकार बनाई, लेकिन ये सरकार भी मायावती के साथ टकराव के बीच समर्थन वापस लेने की वजह से गिर गई। तीसरी बार वो 2003 में मुख्यमंत्री बने और 2007 तक इस पद पर बने रहे। इसके बाद फिर सपा की सरकार आई और इस बार उनके बेटे अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की कमान संभाली, वो मुख्यमंत्री बने।

नेता बनने से पहले शिक्षक रहे मुलायम

सैफई में 22 नवंबर 1939 को मूर्ति देवी और सुघर सिंह यादव के घर जन्मे मुलायम सिंह यादव, पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय परिषदीय स्कूल से हुई थी। इसके बाद उन्होंने करहल के जैन इंटर कॉलेज से बारहवीं तक पढाई की और फिर इटावा के केकेडीसी कॉलेज से बीए किया। इसके बाद मुलायम सिंह ने शिकोहाबाद के डिग्री कॉलेज से एमए की शिक्षा ली और फिर बीटी करके कुछ समय तक करहल के जैन इंटर कॉलेज में बतौर शिक्षक काम किया। मुलायम सिंह यादव अपने शुरुआती जीवन में पहलवान बनना चाहते थे।

राजनीतिक सफर पर एक नज़र

मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर की बात करें तो

1967 में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने।

1977 में लोकदल की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बने और पहली बार मंत्री बने।

1982 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुने गए।

1985 तक उच्च सदन में विपक्ष के नेता भी रहे।

1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

1992 में उन्होंने नई पार्टी बनाई, जिसे हम समाजवादी पार्टी के नाम से जानते हैं, उसके प्रतीक चिन्ह के रूप में उन्होंने उसी साइकल को चुना, जिस पर एक ज़माने में उन्होंने खूब सवारी की थी।

1996-1998 में एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व में बनी यूनाइटेड फ्रंट सरकार में भारत के रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया था।

1996 से 2019 तक 5 बार मैनपुरी से सांसद रहे।