Guest in Ram Mandir Pran Pratishtha: परिवार के साथ 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम में शामिल होंगे देवेगौड़ा

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि वह 22 जनवरी को अपने परिवार के साथ अयोध्या जाएंगे और राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम में शामिल होंगे।

Guest in Ram Mandir Pran Pratishtha: परिवार के साथ 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम में शामिल होंगे देवेगौड़ा

Guest in Ram Mandir Pran Pratishtha: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि वह 22 जनवरी को (Ram Mandir Pran Pratishtha) अपने परिवार के साथ अयोध्या जाएंगे और राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम में शामिल होंगे।पत्रकारों से बात करते हुए देवेगौड़ा ने कहा, ''मैं अपनी पत्नी, बेटे, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, उनकी पत्नी अनीता कुमारस्वामी और पोते निखिल कुमारस्वामी के साथ अयोध्या के लिए रवाना हो रहा हूं। 22 जनवरी को स्पेशल फ्लाइट की व्यवस्था की गई है। हम उसमें बेंगलुरु से अयोध्या की यात्रा करेंगे।''

13 महीने बाद PM पद से हटने के लिए किसने मजबूर किया

सीट बंटवारे के संबंध में, देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि जद (एस) को लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) लड़ने के लिए तीन या चार सीटें दी जाएंगी या नहीं। कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि लोग जानते हैं कि उन्हें 13 महीने बाद प्रधानमंत्री पद से हटने के लिए किसने मजबूर किया और कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को किसने गिराया।

आरक्षण से किस समुदाय को लाभ

उन्होंने कहा, ''मैंने अपने राजनीतिक जीवन में 60 वर्षों तक कड़ी मेहनत की है। इस बात पर बहस होनी चाहिए कि आरक्षण (Benefit Of Reservation) से किस समुदाय को लाभ हुआ है और किसने आरक्षण का सबसे अधिक लाभ उठाया है।'' उन्होंने कर्नाटक सरकार पर आंतरिक आरक्षण के मामले में जिम्मेदारी केंद्र पर डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ''मैं इस चुनाव में विकास का मुद्दा उठाऊंगा।''

देवेगौड़ा नहीं लड़ेंगे चुनाव

देवेगौड़ा ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। देवेगौड़ा ने कहा, ''मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Karnataka) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मुसलमानों के लिए आरक्षण बढ़ाने के लिए वोक्कालिगा समुदाय का आरक्षण कोटा कम कर दिया था। इन सभी वर्षों में, कुछ परिवारों ने आरक्षण का लाभ उठाया है। एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जब राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने आंतरिक आरक्षण के प्रस्ताव की कॉपी फाड़कर मेरे चेहरे पर फेंक दी थी। आज वह आंतरिक आरक्षण पर बहस कर रहे हैं।''